नई दिल्ली : भाजपा ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को 'जुमला और दिखावा' के साथ ही घोटाले को बढ़ावा देने वाली करार दिया. भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी कि यदि उनमें हिम्मत है तो वह राशन वितरण की नई योजना लेकर आएं जो खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन ना करती हो.
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि भारत सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 37,573 टन अनाज दिल्ली के 73 लाख लोगों को हर महीने देती है जिसकी सब्सिडी 1163 करोड़ रुपये है.
'नई कहानी रची जा रही है, यह दिखावे के लिए है'
उन्होंने कहा, 'ये जो दिल्ली का हित है, वह चलेगा... लेकिन बात यह है कि जो नई कहानी रची जा रही है, यह दिखावे के लिए है और घोटाले को बढ़ावा देने के लिए है.'
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार की प्रस्तावित घर-घर राशन पहुंचाने की योजना में ईमानदारी और प्रामाणिकता का अभाव है क्योंकि राजधानी में आधार कार्ड प्रमाणीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) कम्प्यूटरीकृत प्रणाली लागू है जबकि छोटे से छोटे राज्यों में भी दोनों व्यवस्था लागू हैं.
'हर घर अन्न की बात कर रहे हैं, ऑक्सीजन तो वह पहुंचा नहीं सके'
प्रसाद ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल हर घर अन्न की बात कर रहे हैं. ऑक्सीजन तो वह पहुंचा नहीं सके, मोहल्ला क्लीनिक से दवा तो पहुंचा नहीं सके. हर घर अन्न भी एक जुमला है. दिल्ली सरकार राशन माफिया के नियंत्रण में है.'
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की इतनी ही रुचि है तो वह अपनी अलग योजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को क्यों नहीं भेजती है जबकि भारत सरकार की ओर से इस सिलसिले में राज्य सरकार को कई पत्र भी लिखे गए. उन्होंने कहा, 'हम सस्ते में अनाज आपको देने की कोशिश करेंगे.'
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, 'हिम्मत है तो नया प्रस्ताव भेजिए जो खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन ना करता हो. भारत सरकार खुले मन से इस पर विचार करेगी.'
केजरीवाल केंद्र पर लगा रहे हैं आरोप
ज्ञात हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर घर-घर राशन योजना की राह में रोड़े अटकाने का लगातार आरोप लगा रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना में केंद्र जिस तरह का बदलाव चाहता है वह उसे करने को तैयार हैं.
प्रसाद ने केंद्र सरकार की 'वन नेशन-वन राशन' योजना को दिल्ली में लागू ना करने के लिए केजरीवाल को आड़े हाथों लिया और पूछा कि आखिर उन्हें इस योजना से क्या परेशानी है? उन्होंने कहा कि यह योजना देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन दिल्ली सरकार दिल्ली की गरीब जनता के हितों की अनदेखी कर रही है.'
प्रसाद ने आरोप लगाया कि दिल्ली के दलित लोगों को राशन के मिलने वाले लाभ से संबंधित कोई आंकड़ा भी उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार देश भर में दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल देती है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले साल की तरह इस बार भी नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि चावल का खर्चा 37 रुपये प्रति किलो होता है और गेहूं का 27 रुपये प्रति किलो होता है.
'प्रवासी मजदूरों की चिंता नहीं करते केजरीवाल'
उन्होंने कहा, 'भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से बांटने के लिए अनाज देती है. भारत सरकार सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपये इसमें खर्च करती है...लेकिन अरविंद केजरीवाल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की चिंता नहीं करते हैं, प्रवासी मजदूरों की चिंता भी नहीं करते हैं, गरीबों की पात्रता की भी चिंता नहीं करते हैं.'
(पीटीआई-भाषा)