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MP News: गैंगरेप केस में बरी युवक ने सरकार से मांगा 10,000 करोड़, बोला-2 साल नहीं ले पाया सेक्स का आनंद

मध्यप्रदेश के रतलाम में एक आदिवासी युवक ने प्रदेश सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका है. युवक को गैंगरेप के आरोप में 666 दिन जेल में बंद रहना पड़ा. कोर्ट से निर्दोष साबित होने के बाद बाहर आए युवक ने सरकार से अपनी परेशानियों और सेक्स न कर पाने की बात कहते हुए हर्जाना मांगा है.

man filed case against mp government
रतलाम में युवक का सरकार पर 10000 करोड़ का केस
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Published : Jan 4, 2023, 5:22 PM IST

रतलाम में युवक का सरकार पर 10000 करोड़ का केस

रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. एक आदिवासी युवक ने शिवराज सरकार से हजारों करोड़ रुपए की मांग की है, खास बात यह है कि यह रुपए किसी सहायता या मजबूरी में नहीं बल्कि जेल में रहने के दौरान सामाजिक, पारिवारिक मानहानि और शारीरिक प्रताड़ना के लिए कंपनसेशन राशि के तौर पर मांगा है. युवक ने कोई लाख-दो लाख या करोड़ रुपए नहीं बल्कि पूरे 10,000 करोड़ रुपए मांगे हैं. सुनने में थोड़ा अजीब जरुर लगेगा, लेकिन ये मामला मध्य प्रदेश के रतलाम से सामने आया है. जहां एक आदिवासी युवक ने प्रदेश सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका. युवक को गैंगरेप के आरोप में गलत तरीके से फंसाया गया और उसे जेल की सजा काटनी पड़ी. अब युवक ने सरकार से हर्जाने के रुप में इतनी बड़ी रकम की डिमांड कर दी है.

आदिवासी युवक के 10 हजार करोड़ के हर्जाना का हिसाब: रतलाम में युवक कांतिलाल भील उर्फ कंतू को 666 दिन पहले गैंगरेप के आरोप में पुलिस से सलाखों के पीछे बंद कर दिया था. मामले में सुनवाई होने पर युवक निर्दोष साबित हुआ और कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया. 2 साल बाद जेल से बाहर आने के बाद युवक ने प्रदेश सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका. युवक की मानें तो इस दौरान उसे और उसके परिवार को जो जलालत झेलनी पड़ी वो हर दिन तिल तिल कर मरने जैसा था. परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि वहीं इकलौता शख्स था जो कमा कर परिवार को खिलाता था. उसका कैरियर बर्बाद हुआ सो अलग है. परिवार समेत उसे जो शारीरिक और मानसिक दंश झेलना पड़ा उसके लिए दिनों के हिसाब से 1-1 करोड़ का मुआवजा चाहिए. मगर बाकि के हजारों करोड़ के हर्जाने के पीछे का तर्क सबको शॉक दे रहा है.

सेक्स ना करने का हिसाब हजारों करोड़ रुपए: कांतिलाल नाम के इस युवक की दलील है कि उसे और पूरे परिवार को सामाजिक तानो के चलते हर दिन मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा. लोग उन्हे बलात्कारी का परिवार कह कर बुलाते थे. ये सब पुलिस की गलत जांच के चलते हुआ. कांतिलाल ने कहा कि परिवार के पास 2 जून की रोटी भी ठीक से नसीब नहीं थी. उसे जेल में गुजारे दिनों का पूरा भरण पोषण चाहिए. इस मामले में युवक द्वारा हर्जाना मांगने की सबसे खास बात यह है वो यह कि युवक इन 2 सालों में सेक्स नहीं कर पाया. जिसके चलते सरकार को 10 हजार करोड़ का हर्जाना देना होगा.

परिवार के पास कपड़े के लिए भी पैसे नहीं थे: 35 वर्षीय कांतिलाल का कहना है कि सेक्स का आनंद, मनुष्य को दिया भगवान का गिफ्ट है. गलत आरोप के चलते जेल में रहने के कारण वह इसका सालों आनंद नहीं ले पाया. कांतिलाल का आरोप कि गलत आरोप में जेल जाने के चलते उसकी दुनिया पूरी तरह बदल गई. उसके बीवी-बच्चों और मां को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि कपड़े खरीद कर ठीक से तन ढंक सके. जेल में उसे भी बिना कपड़ों के ही कड़ाके की सर्दी और गर्मी का सामना करना पड़ा. इन सबका पूरा मुआवजा चाहिए. केस लड़ने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे तो एक वकील ने मुफ्त में केस लड़ा और आज बाईज्जत बरी हुआ है.

जागरुकता के लिए सरकार पर मुकदमा: युवक का कहना है कि वह ऐसे मामलों को लेकर समाज में जागरुकता लाना चाहता है. पुलिस को इन मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए. अगर कोई महिला किसी को झूठे मामले में फंसाए तो उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाए. कांतू की तरफ से वकील विजय सिंह यादव ने राज्य शासन और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपये का मुकदमा ठोका है. 2018 में कोरोना काल से पहले एक महिला ने उसे झूठे आरोपों में फंसाया और बिना जांच उसके खिलाफ पुलिस ने जो कार्रवाई हुई उससे पूरी जिंदगी तबाह हो गई. ऐसा किसी और के साथ ना हो इसी के चलते उसने ये केस किया है.

रतलाम में युवक का सरकार पर 10000 करोड़ का केस

रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. एक आदिवासी युवक ने शिवराज सरकार से हजारों करोड़ रुपए की मांग की है, खास बात यह है कि यह रुपए किसी सहायता या मजबूरी में नहीं बल्कि जेल में रहने के दौरान सामाजिक, पारिवारिक मानहानि और शारीरिक प्रताड़ना के लिए कंपनसेशन राशि के तौर पर मांगा है. युवक ने कोई लाख-दो लाख या करोड़ रुपए नहीं बल्कि पूरे 10,000 करोड़ रुपए मांगे हैं. सुनने में थोड़ा अजीब जरुर लगेगा, लेकिन ये मामला मध्य प्रदेश के रतलाम से सामने आया है. जहां एक आदिवासी युवक ने प्रदेश सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका. युवक को गैंगरेप के आरोप में गलत तरीके से फंसाया गया और उसे जेल की सजा काटनी पड़ी. अब युवक ने सरकार से हर्जाने के रुप में इतनी बड़ी रकम की डिमांड कर दी है.

आदिवासी युवक के 10 हजार करोड़ के हर्जाना का हिसाब: रतलाम में युवक कांतिलाल भील उर्फ कंतू को 666 दिन पहले गैंगरेप के आरोप में पुलिस से सलाखों के पीछे बंद कर दिया था. मामले में सुनवाई होने पर युवक निर्दोष साबित हुआ और कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया. 2 साल बाद जेल से बाहर आने के बाद युवक ने प्रदेश सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका. युवक की मानें तो इस दौरान उसे और उसके परिवार को जो जलालत झेलनी पड़ी वो हर दिन तिल तिल कर मरने जैसा था. परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि वहीं इकलौता शख्स था जो कमा कर परिवार को खिलाता था. उसका कैरियर बर्बाद हुआ सो अलग है. परिवार समेत उसे जो शारीरिक और मानसिक दंश झेलना पड़ा उसके लिए दिनों के हिसाब से 1-1 करोड़ का मुआवजा चाहिए. मगर बाकि के हजारों करोड़ के हर्जाने के पीछे का तर्क सबको शॉक दे रहा है.

सेक्स ना करने का हिसाब हजारों करोड़ रुपए: कांतिलाल नाम के इस युवक की दलील है कि उसे और पूरे परिवार को सामाजिक तानो के चलते हर दिन मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा. लोग उन्हे बलात्कारी का परिवार कह कर बुलाते थे. ये सब पुलिस की गलत जांच के चलते हुआ. कांतिलाल ने कहा कि परिवार के पास 2 जून की रोटी भी ठीक से नसीब नहीं थी. उसे जेल में गुजारे दिनों का पूरा भरण पोषण चाहिए. इस मामले में युवक द्वारा हर्जाना मांगने की सबसे खास बात यह है वो यह कि युवक इन 2 सालों में सेक्स नहीं कर पाया. जिसके चलते सरकार को 10 हजार करोड़ का हर्जाना देना होगा.

परिवार के पास कपड़े के लिए भी पैसे नहीं थे: 35 वर्षीय कांतिलाल का कहना है कि सेक्स का आनंद, मनुष्य को दिया भगवान का गिफ्ट है. गलत आरोप के चलते जेल में रहने के कारण वह इसका सालों आनंद नहीं ले पाया. कांतिलाल का आरोप कि गलत आरोप में जेल जाने के चलते उसकी दुनिया पूरी तरह बदल गई. उसके बीवी-बच्चों और मां को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि कपड़े खरीद कर ठीक से तन ढंक सके. जेल में उसे भी बिना कपड़ों के ही कड़ाके की सर्दी और गर्मी का सामना करना पड़ा. इन सबका पूरा मुआवजा चाहिए. केस लड़ने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे तो एक वकील ने मुफ्त में केस लड़ा और आज बाईज्जत बरी हुआ है.

जागरुकता के लिए सरकार पर मुकदमा: युवक का कहना है कि वह ऐसे मामलों को लेकर समाज में जागरुकता लाना चाहता है. पुलिस को इन मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए. अगर कोई महिला किसी को झूठे मामले में फंसाए तो उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाए. कांतू की तरफ से वकील विजय सिंह यादव ने राज्य शासन और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपये का मुकदमा ठोका है. 2018 में कोरोना काल से पहले एक महिला ने उसे झूठे आरोपों में फंसाया और बिना जांच उसके खिलाफ पुलिस ने जो कार्रवाई हुई उससे पूरी जिंदगी तबाह हो गई. ऐसा किसी और के साथ ना हो इसी के चलते उसने ये केस किया है.

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