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उत्तराखंड में मिला दुलर्भ प्रजाति का घायल सफेद उल्लू, वन विभाग ने कराया इलाज

उत्तराखंड में कोटमन्या के पास घायल अवस्था में दुलर्भ प्रजाति का सफेद उल्लू मिला है. उल्लू की उम्र करीब डेढ़ साल बताई जा रही है.

दुलर्भ प्रजाति का घायल सफेद उल्लू
दुलर्भ प्रजाति का घायल सफेद उल्लू
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Published : Jun 4, 2021, 2:56 AM IST

बेरीनागः चौकोड़ी के कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर एक दुलर्भ प्रजाति का सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला है. वन विभाग की टीम ने उल्लू का रेस्क्यू कर पशु चिकित्सालय पहुंचाया. जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है.

दरअसल, कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर गुरुवार को ग्रामीणों को सड़क किनारे एक सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला.

दुलर्भ प्रजाति का सफेद उल्लू.

उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उल्लू मिलने की सूचना वन विभाग को दी. वन दरोगा ज्योति वर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने घायल उल्लू का रेस्क्यू किया. साथ ही उसे पशु चिकित्सालय बेरीनाग ले गए.

वहीं, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रणय अग्रवाल ने बताया कि उल्लू की उम्र करीब डेढ़ साल है. बाहरी तौर पर कहीं पर कोई चोट नजर नहीं आ रही है. फिलहाल, उल्लू को विटामिन समेत अन्य दवाएं दी गई हैं. साथ ही उसे वन विभाग को सौंप दिया है.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नजर आते हैं सफेद उल्लू

उन्होंने बताया कि वन विभाग की देखरेख में ही उल्लू रहेगा. ठीक होने के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा. स्थानीय लोगों की मानें तो स्थानीय स्तर पर सफेद उल्लू दिखाई नहीं देते हैं.

पढ़ें- महाराष्ट्र के बदलापुर में फैक्टरी से गैस लीक होने पर मची अफरातफरी

सफेद उल्लू उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दिखाई देते हैं. यह बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का प्राणी है. वहीं, क्षेत्र में सफेद उल्लू कौतूहल का विषय बना हुआ है.

बेरीनागः चौकोड़ी के कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर एक दुलर्भ प्रजाति का सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला है. वन विभाग की टीम ने उल्लू का रेस्क्यू कर पशु चिकित्सालय पहुंचाया. जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है.

दरअसल, कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर गुरुवार को ग्रामीणों को सड़क किनारे एक सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला.

दुलर्भ प्रजाति का सफेद उल्लू.

उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उल्लू मिलने की सूचना वन विभाग को दी. वन दरोगा ज्योति वर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने घायल उल्लू का रेस्क्यू किया. साथ ही उसे पशु चिकित्सालय बेरीनाग ले गए.

वहीं, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रणय अग्रवाल ने बताया कि उल्लू की उम्र करीब डेढ़ साल है. बाहरी तौर पर कहीं पर कोई चोट नजर नहीं आ रही है. फिलहाल, उल्लू को विटामिन समेत अन्य दवाएं दी गई हैं. साथ ही उसे वन विभाग को सौंप दिया है.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नजर आते हैं सफेद उल्लू

उन्होंने बताया कि वन विभाग की देखरेख में ही उल्लू रहेगा. ठीक होने के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा. स्थानीय लोगों की मानें तो स्थानीय स्तर पर सफेद उल्लू दिखाई नहीं देते हैं.

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सफेद उल्लू उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दिखाई देते हैं. यह बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का प्राणी है. वहीं, क्षेत्र में सफेद उल्लू कौतूहल का विषय बना हुआ है.

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