ETV Bharat / bharat

Rajasthan: बेटी से रेप करने वाले पिता को सजा सुनाते हुए जज ने बाली वध का किया जिक्र, बताई अपराध की समानता

पिता के बेटी से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. फैसले में जज ने रामचरितमानस से बाली वध के दृष्टांत का जिक्र किया और कहा कि आरोपी ने भी इसी तरह का कृत्य किया है.

Rapist father gets sentenced till his last breat
बेटी से रेप करने वाले पिता को सजा
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 5:39 PM IST

कोटा. पिता के अपनी ही बेटी से दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. दुष्कर्म आरोपी पिता को अंतिम सांस तक कारावास की सजा और 10 हजार रुपए आर्थिक दंड भी लगाया. यह मामला 7 महीने पुराना है.

इसके साथ ही न्यायाधीश ने इस मामले में रामचरितमानस का जिक्र करते हुए लिखा है कि जिस तरह से बाली ने अपने भाई की पत्नी को हर लिया. अपने साथ रख लिया था, उसी तरह से यह कृत्य आरोपी ने किया है. जज दीपक दुबे ने कहा कि बाली वध के समय भगवान श्रीराम से बाली ने पूछा था कि 'मेरा वध क्यों किया?' इस पर रामचरितमानस की चौपाई 'अनुज वधु भागिनी सत नारी, सुनु सठ कन्या सम ऐ चारी. इन्हहि कुदृष्टि बिलोकई जोई, ताहि वध कछु पाप न कोई' लिखते हुए बताया कि अपने परिजनों पर भी गंदी दृष्टि रखने वाले की हत्या कर देना पाप नहीं है.

पढ़ें: पिता ने किया नाबालिग बेटी से दुष्कर्म: कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा

दुष्कर्म के समय नाबालिक थी, शिकायत के समय बालिग: इस पूरे मामले पर सरकारी वकील ललित शर्मा ने बताया कि 19 दिसंबर, 2022 की है. पीड़िता तीन बहनों से सबसे बड़ी है. दो बहन घर से बाहर गई थी. इसी दौरान शाम के समय उसके पिता ने जबरन पकड़ते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया. बेटी ने घटना की जानकारी अपनी मां को दी. इसके बाद उसकी मां ने इस पूरी घटना पर आपत्ति जताई और पिता से लड़ाई-झगड़ा भी हुआ. पिता ने माफी मांगी, जिस पर मामला शांत हो गया था. पीड़िता ने भी लोकलाज के डर से शिकायत नहीं दी थी.

पढ़ें: कोटा: सौतेले पिता ने किया बेटी के साथ दुष्कर्म का प्रयास, गिरफ्तार

हालांकि घटना के 3 महीने बाद 9 मार्च, 2023 को इस मामले में पीड़िता ने उद्योग नगर थाने में शिकायत दी थी. जब वह बालिग हो गई. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के न्यायालय में बयान करवाए और पिता को गिरफ्तार कर लिया था. मामले में एक महीने के भीतर ही चालान पेश कर दिया गया. इसके बाद पॉक्सो क्रम संख्या तीन न्यायालय में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. जिसमें न्यायालय ने 11 गवाह और 18 दस्तावेजों के आधार पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पीड़िता को 10 लाख की आर्थिक सहायता दिलाने की अनुशंसा की है.

कोटा. पिता के अपनी ही बेटी से दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. दुष्कर्म आरोपी पिता को अंतिम सांस तक कारावास की सजा और 10 हजार रुपए आर्थिक दंड भी लगाया. यह मामला 7 महीने पुराना है.

इसके साथ ही न्यायाधीश ने इस मामले में रामचरितमानस का जिक्र करते हुए लिखा है कि जिस तरह से बाली ने अपने भाई की पत्नी को हर लिया. अपने साथ रख लिया था, उसी तरह से यह कृत्य आरोपी ने किया है. जज दीपक दुबे ने कहा कि बाली वध के समय भगवान श्रीराम से बाली ने पूछा था कि 'मेरा वध क्यों किया?' इस पर रामचरितमानस की चौपाई 'अनुज वधु भागिनी सत नारी, सुनु सठ कन्या सम ऐ चारी. इन्हहि कुदृष्टि बिलोकई जोई, ताहि वध कछु पाप न कोई' लिखते हुए बताया कि अपने परिजनों पर भी गंदी दृष्टि रखने वाले की हत्या कर देना पाप नहीं है.

पढ़ें: पिता ने किया नाबालिग बेटी से दुष्कर्म: कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा

दुष्कर्म के समय नाबालिक थी, शिकायत के समय बालिग: इस पूरे मामले पर सरकारी वकील ललित शर्मा ने बताया कि 19 दिसंबर, 2022 की है. पीड़िता तीन बहनों से सबसे बड़ी है. दो बहन घर से बाहर गई थी. इसी दौरान शाम के समय उसके पिता ने जबरन पकड़ते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया. बेटी ने घटना की जानकारी अपनी मां को दी. इसके बाद उसकी मां ने इस पूरी घटना पर आपत्ति जताई और पिता से लड़ाई-झगड़ा भी हुआ. पिता ने माफी मांगी, जिस पर मामला शांत हो गया था. पीड़िता ने भी लोकलाज के डर से शिकायत नहीं दी थी.

पढ़ें: कोटा: सौतेले पिता ने किया बेटी के साथ दुष्कर्म का प्रयास, गिरफ्तार

हालांकि घटना के 3 महीने बाद 9 मार्च, 2023 को इस मामले में पीड़िता ने उद्योग नगर थाने में शिकायत दी थी. जब वह बालिग हो गई. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के न्यायालय में बयान करवाए और पिता को गिरफ्तार कर लिया था. मामले में एक महीने के भीतर ही चालान पेश कर दिया गया. इसके बाद पॉक्सो क्रम संख्या तीन न्यायालय में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. जिसमें न्यायालय ने 11 गवाह और 18 दस्तावेजों के आधार पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पीड़िता को 10 लाख की आर्थिक सहायता दिलाने की अनुशंसा की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.