रांची: मॉडल्स को आपने अक्सर रैंप पर ही कैट वॉक करते देखा होगा, लेकिन झारखंड की एक मॉडल ने कचरे के ढेर पर कैट वॉक किया और युवा फोटोग्राफर प्रांजल कुमार ने इसे ड्रोन कैमरे से फिल्माया.
बता दें, मॉडल का नाम है सुरभि और वह मिस झारखंड भी रह चुकी हैं.
बड़ी समस्या को सामने लाना चाहते थे फोटोग्राफर प्रांजल
दरअसल, कचरे पर कैट वॉक करने के पीछे वजह है कि फोटोग्राफर प्रांजल और मॉडल सुरभि एक बड़ी समस्या से सामने लाना चाहते थे. समस्या यह है रांची रिंग रोड स्थित झिरी कचरा डंपिंग यार्ड के कारण यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. एक तरफ जहां देशभर में प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर कचरा खत्म किया जा रहा है, वहीं, रांची में कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है. लेकिन रांची नगर निगम कचरे को प्रोसेस करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.
कचरे का पहाड़ देखा तो आया आइडिया
ये आइडिया कहां से आया, इसको लेकर प्रांजल ने बताया कि जब वो रिंग रोड से गुजरते थे तो झिरी के पास काफी दुर्गंध आती थी. यह सोचकर परेशान हो गया कि इस इलाके में लोग रहते कैसे हैं. रांची में बाकी जगह अच्छी स्थिति है लेकिन यहां कचरे का पहाड़ खड़ा गया हो गया है. कचरे और इसके चलते हो रहे प्रदूषण को देखते हुए यह दिमाग में आया कि कैसे इस समस्या को सामने लाया जाए. इसके लिए मॉडल सुरभि से बात की और वह कचरे पर कैट वॉक के लिए तैयार हो गई. इसके बाद इसे ड्रोन कैमरे से फिल्माया और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया. वीडियो को लेकर कई लोगों के कॉल आए और सभी ने इसे सराहा भी.
लाल रंग से दिया बड़ा संदेश
कचरे पर कैट वॉक के दौरान सुरभि ने लाल रंग का ड्रेस पहना था. इसके पीछे भी प्रांजल एक खास संदेश देना चाहते हैं. प्रांजल का कहना है कि लाल रंग से यह संदेश देना था कि अगर इसी तरह कचरा डंप होता रहा और कचरे की प्रोसेसिंग नहीं की गई तो भविष्य में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
कचरे में धंस गया पैर
मॉडल सुरभि ने बताया कि प्रांजल जब यह प्रस्ताव लेकर आए तो उन्हें आश्चर्य हुआ. कचरे पर कैट वॉक करने के लिए सोचना ही बहुत कठिन था, लेकिन यह मुद्दा बहुत बड़ा है और इसके लिए मैं तैयार हो गई. शूट के दौरान काफी दिक्कत हुई. पैर कचरे में धंस रहे थे, शूट के बाद स्किन इंफेक्शन हो गया, डॉक्टर के पास जाना पड़ा. बता दें कि सुरभि ने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की है.
16 टन कचरा जमा, 10 हजार आबादी प्रभावित
झिरी में एक महीने में करीब 15 हजार टन कचरा डंप होता है. साल में करीब पौने दो लाख टन कचरा जमा हो जाता है. 10 साल से यहां कचरा डंप हो रहा है और अब 16 लाख टन कचरे का पहाड़ बन गया है. निगम की गाड़ियों से यहां कचरा डंप किया जाता है. यहां रहने वाले 10 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित होती है. लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. कचरे के कारण हो रहे प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं.