नई दिल्ली: देश में आज रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. रामनवमी का दिन बेहद खास होता है. आज के दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप मनाया जाता है. मान्यता है कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था. इसी दिन देशभर में हर्षोल्लास के साथ रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है. भगवान राम को भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में माना जाता है.
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देशवासियों को रामनवमी की ढेरों शुभकामनाएं। भगवान श्रीराम की कृपा से हर किसी को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। जय श्रीराम!
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— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2022
इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आने की कामना की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'देशवासियों को रामनवमी की ढेरों शुभकामनाएं. भगवान श्रीराम की कृपा से हर किसी को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो. जय श्रीराम!'
अयोध्या के रामलला मंदिर में पहली बार भव्य आयोजन किया गया है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. आज दिन में अयोध्या के करीब 5 हजार मंदिरों में भए प्रकट कृपाला के उद्घोष के साथ प्रभु श्रीराम का प्रतीकात्मक जन्म होगा. इसे भव्य उत्सव के रूप में मनाने के लिए मठमंदिरों में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है.
तेलंगाना में भी श्रद्धालओं में सुबह से ही उत्साह देखा गया. भक्त इस अवसर पर अशोक नगर, हैदराबाद में हनुमान मंदिर में पूजा करते देखे गये. यहां के कुछ मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारे देखी गयी. तेलंगाना में कई जगहों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.
महाराष्ट्र में भी धूमधाम के साथ रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. अलग- अलग जगहों पर मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है. लोग सुबह से ही मंदिरों में पूजा अर्चना करते देखे गये. इस अवसर पर पूजा करने के लिए भक्त मुंबई, वडाला में राम मंदिर पहुंचे.
यूपी में धूम- धाम से पूजा का आयोजनः देश भर में श्रद्धालु श्रीरामलला का जन्मोत्सव रामनवमी पर्व मना रहे हैं. आज चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि के अवसर पर रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई. दूरदराज से स्नान को बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं ने अयोध्या के रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना भी की. इसके साथ ही बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर, नागेश्वरनाथ मंदिर में भी दर्शन-पूजन किए. रामनवमी के अवसर पर रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था सख्त दिखी.
श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में आज ब्रह्म मुहूर्त में ही सरयू तट पर स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु दिखे. लगातार सरयू घाट पर स्नान, ध्यान, पूजन करने का सिलसिला जारी है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, इसका निर्वहन करने के लिए प्रत्येक वर्ष चैत्र रामनवमी के पवित्र अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. जानकारों की मानें तो चैत्र रामनवमी का ऐसा मेला कभी भी अयोध्या में नहीं हुआ है, जितनी भीड़ इस बार मेले में है.
गोरखपुर से आए श्रद्धालु दिनेश कुमार ने बताया कि शास्त्रोक्त प्रमाण के अनुसार चैत्र रामनवमी के दिन पुण्य सलिला सरयू में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं. रामनवमी का यह उल्लास दिन बीतने के साथ ही और बढ़ता जाएगा. दोपहर 12 बजे अयोध्या के लगभग 6000 मंदिरों में भगवान रामलला का प्राकट्य होगा. घंटे घड़ियालों के बीच भगवान रामलला की आरती गाई जाएगी और उनका प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा.
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि परिसर, कनक भवन राम वल्लभा कुंज, लक्ष्मण किला समेत हजारों मंदिरों में आज राम नवमी का पर्व आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर मंदिरों में चल रहे भजन-कीर्तन और नृत्य ने रामनवमी के उल्लास को दोगुना कर दिया है.जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने बताया कि चैत्र रामनवमी के दिन तीर्थराज प्रयाग भी अपने पाप धोने अयोध्या आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लोगों के पाप धोते-धोते जब तीर्थराज प्रयाग पूरी तरह से काले हो गए थे. चैत्र रामनवमी के दिन वह अपने घोड़े पर सवार होकर अयोध्या आते हैं और घोड़े समेत सरयू नदी में स्नान करने के लिए उतर जाते हैं. स्नान करने के बाद तीर्थराज प्रयाग और उनके घोड़े का वर्ण पूरी तरह से श्वेत हो सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं. इसी मान्यता के चलते प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु अयोध्या आते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में ही सरयू में स्नान करते हैं.