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राम मंदिर आंदोलन ने हिन्दू समाज के बारे में मान्यताएं बदल दीं : अरुण कुमार

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Published : Dec 12, 2021, 10:29 PM IST

Updated : Dec 12, 2021, 10:45 PM IST

राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाए गए देशव्यापी निधी समर्पण अभियान पर लिखी गई किताब के विमोचन पर आरएसएस और विहिप के नेताओं ने भाग लिया. इस अवसर पर आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन हिन्दू समाज के आत्मसाक्षात्कार का आंदोलन था जिसने हिन्दू समाज के बारे में पूर्व की धारणाएं बदल दीं.

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'सब के राम' पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली : राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाए गए 44 दिवसीय देशव्यापी निधी समर्पण अभियान पर अब एक किताब लिखी जा चुकी है. इसका विमोचन रविवार को आरएसएस और विहिप के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में किया. इस किताब का नाम 'सब के राम' है, जिसमें देश के सबसे बड़े जनसंपर्क अभियान के बारे में विस्तार से लिखा गया है.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन हिन्दू समाज के आत्मसाक्षात्कार का आंदोलन था जिसने हिन्दू समाज के बारे में पूर्व की धारणाएं बदल दीं. पहले यह मान्यता थी कि हिन्दू समाज कभी एकजुट नहीं हो सकता, संघर्ष नहीं कर सकता और हिन्दू समाज के अंदर हिन्दुत्व का गौरव समाप्त हो रहा है लेकिन राम मंदिर के लिये लगातार आंदोलन चलने और सफलता तक पहुंचने के बाद अब यह धारणाएं बदली हैं.

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप के 20 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने 5 लाख से ज्यादा गांव में जाकर 13 करोड़ परिवारों से चंदा एकत्रित किया था. अरुण कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा धनराशि आम लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए दिया और कुल लोगों में तीन चौथाई लोग ऐसे थे जिन्होंने 10 हजार या इससे कम राशि चंदे में दी थी. इससे यह प्रमाणित होता है कि हर वर्ग से लोगों ने अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए योगदान दिया. इस अभियान के समय विहिप और संघ कार्यकर्ता देश भर में घूमे और उस दौरान उनके कुछ यादगार अनुभवों को इस किताब में जगह दी गई है.

ये भी पढ़ें - Ram Janmabhoomi teerth kshetra को वेटिकन सिटी और मक्का की तरह किया जाएगा विकसित : VHP प्रमुख

बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि वर्ष 1947 में देश को केवल राजनीतिक आजादी मिली थी लेकिन आजादी के बाद राम मंदिर आंदोलन के कारण देश को सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी मिल सकी है. इस आंदोलन में 13 करोड़ राम भक्तों की सहभागिता रही थी और मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान तो पूरे भारत को जोड़ने वाला सेतु बन गया. जहां एक तरफ सेक्युलर राजनीति ने देश को तोड़ने का काम किया है वहीं राम सबको जोड़ने का काम करते हैं.

विहिप महामंत्री ने आगे बताया कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के साथ-साथ वहां और भी कई विकास कार्यों को करने का जिम्मा राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने उठाया है. केवल मंदिर निर्माण ही नहीं बल्कि विहिप पूरे अयोध्या के समुचित विकास के लिए कार्य कर रहा है.

नई दिल्ली : राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाए गए 44 दिवसीय देशव्यापी निधी समर्पण अभियान पर अब एक किताब लिखी जा चुकी है. इसका विमोचन रविवार को आरएसएस और विहिप के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में किया. इस किताब का नाम 'सब के राम' है, जिसमें देश के सबसे बड़े जनसंपर्क अभियान के बारे में विस्तार से लिखा गया है.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन हिन्दू समाज के आत्मसाक्षात्कार का आंदोलन था जिसने हिन्दू समाज के बारे में पूर्व की धारणाएं बदल दीं. पहले यह मान्यता थी कि हिन्दू समाज कभी एकजुट नहीं हो सकता, संघर्ष नहीं कर सकता और हिन्दू समाज के अंदर हिन्दुत्व का गौरव समाप्त हो रहा है लेकिन राम मंदिर के लिये लगातार आंदोलन चलने और सफलता तक पहुंचने के बाद अब यह धारणाएं बदली हैं.

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप के 20 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने 5 लाख से ज्यादा गांव में जाकर 13 करोड़ परिवारों से चंदा एकत्रित किया था. अरुण कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा धनराशि आम लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए दिया और कुल लोगों में तीन चौथाई लोग ऐसे थे जिन्होंने 10 हजार या इससे कम राशि चंदे में दी थी. इससे यह प्रमाणित होता है कि हर वर्ग से लोगों ने अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए योगदान दिया. इस अभियान के समय विहिप और संघ कार्यकर्ता देश भर में घूमे और उस दौरान उनके कुछ यादगार अनुभवों को इस किताब में जगह दी गई है.

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बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि वर्ष 1947 में देश को केवल राजनीतिक आजादी मिली थी लेकिन आजादी के बाद राम मंदिर आंदोलन के कारण देश को सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी मिल सकी है. इस आंदोलन में 13 करोड़ राम भक्तों की सहभागिता रही थी और मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान तो पूरे भारत को जोड़ने वाला सेतु बन गया. जहां एक तरफ सेक्युलर राजनीति ने देश को तोड़ने का काम किया है वहीं राम सबको जोड़ने का काम करते हैं.

विहिप महामंत्री ने आगे बताया कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के साथ-साथ वहां और भी कई विकास कार्यों को करने का जिम्मा राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने उठाया है. केवल मंदिर निर्माण ही नहीं बल्कि विहिप पूरे अयोध्या के समुचित विकास के लिए कार्य कर रहा है.

Last Updated : Dec 12, 2021, 10:45 PM IST
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