नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana, Delhi Police Commissioner) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जमा (Central Government Affidavit) किया है. जिसमें 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति (Rakesh Asthana Appointment Case) को जायज ठहराया है. हलफनामे में कहा गया है कि देश की राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण है, इसलिये सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राकेश अस्थाना जैसे अधिकारी को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्त करना जरूरी था. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में राकेस अस्थानी की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाए.
गौरतलब है कि सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' (CPIL) नाम की एनजीओ की तरफ से राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राकेश अस्थाना से जवाब मांगा था. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि उनके चयन में कोई भी अनियमितता नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर हलफनामे के मुताबिक विभिन्न राजनीतिक दल और कानून व्यवस्था की समस्या वाले दिल्ली जैसे बड़े राज्य के लिए सीबीआई और अर्धसैनिक बल और पुलिस बल में काम करने वाले अधिकारी की जरूरत थी. जिसे ध्यान में रखते हुए राकेश अस्थाना की नियुक्ति की गई है. इस तरह का अनुभव अधिकारियों के मौजूदा पूल में नहीं था और राकेश अस्थाना के पास ये अनुभव थे. इसलिये सार्वजनिक हित में अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाने का फैसला लिया गया. उनकी नियुक्ति में ना तो किसी प्रक्रिया की अनदेखी हुई है और ना कोई कानूनी खामी है.
गौरतलब है कि 1984 बैच के आईपीएस राकेश अस्थाना को 28 जुलाई 2021 को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बने थे. हैरानी कि बात ये है कि उनकी नियुक्त तत्कालीन दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रिटायरमेंट से महज 3 दिन पहले हुई थी. उस वक्त से ही इनकी नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं.