नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि कोयले पर रॉयल्टी बढाने का कोई प्रस्ताव उसके विचाराधीन नहीं है. कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि कोयले पर रॉयल्टी की पिछली दर 10 मई 2012 को संशोधित की गई थी. उन्होंने कहा कि कोयले और लिग्नाइट पर रॉयल्टी दरों के संशोधन के मुद्दे पर विचार के लिए 21 जुलाई 2014 को एक अध्ययन समूह का गठन किया गया था.
सोमवार को राज्य सभा में प्रह्लाद जोशी (coal minister pralhad joshi) ने कहा कि अध्ययन समूह ने 10 मई 2012 को अधिसूचित दरों से कोयले पर रॉयल्टी की दरों में कोई बदलाव नहीं करने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि अध्ययन समूह के सुझाव की सरकार ने स्वीकार कर लिया था.
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उन्होंने कहा कि रॉयल्टी की दर को 14 प्रतिशत से बढ़कार 20 प्रतिशत करने की ओडिशा राज्य की मांग पर 28 फरवरी 2020 को भुवनेश्वर में आयोजित 'ईस्टर्न जोनल काउंसिल' की बैठक के दौरान चर्चा की गई थी. लेकिन विचार-विमर्श के बाद इस मुद्दे को बंद किए जाने का निर्णय लिया गया.
(पीटीआई-भाषा)