नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament winter session) का आज पहला दिन है. राज्य सभा महासचिव पीसी मोदी (pc mody rajya sabha secretary general) का संसदीय कार्यवाही में आज पहला दिन है. पीसी मोदी का राज्य सभा कार्यकाल (pramod chandra mody) अगस्त, 2022 तक या सरकार के अग्रिम आदेश तक रहेगा.
सभापति वेंकैया नायडू ने पीसी मोदी (venkaiah naidu pc mody rajya sabha) का राज्य सभा में परिचय कराया.
राज्य सभा महासचिव का पद क्यों अहम है ?
बता दें कि राज्य सभा महासचिव के पद पर आम तौर से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों की नियुक्तियां होती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में आईएएस अधिकारी से इतर, आईआरएस अधिकारी पीसी मोदी को नियुक्त किया जाना एक दुर्लभ मौका बताया गया है. राज्य सभा महासचिव का पद सदन की कार्यवाही के दृष्टिकोण से अहम होता है. राज्य सभा सचिवालय का जिम्मा महासचिव के पास ही होता है.
गौरतलब है कि पीसी मोदी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (PC Mody CBDT) प्रमुख थे. 1982 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी पीसी मोदी को फरवरी, 2019 में सीबीडीटी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. मई, 2021 तक सीबीडीटी चीफ के पद पर रहे प्रकाश चंद्र मोदी के कार्यकाल में कई छापेमारियों की खबरें सुर्खियों में रही थीं. इनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन की बेटी-दामाद के ठिकानों पर की गई छापेमारी भी शामिल रही.
विगत फरवरी माह में केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी (Pramod Chandra Mody) के कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 मई, 2021 तक कर दिया था. सीबीडीटी चेयरमैन के रूप में यह उनके कार्यकाल का तीसरा विस्तार था. बता दें कि पीसी मोदी का कार्यकाल अगस्त 2020 में भी बढ़ाया गया था.
रविवार 28 फरवरी, 2021 को एक अधिसूचना में, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने कहा था कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विस्तार को मंजूरी दी.
बता दें कि पीसी मोदी से पहले राज्य सभा में रामाचार्युलु को महासचिव (Ramacharyulu rajya sabha Secretariat) नियुक्त किया गया था. हालांकि, लगभग ढाई महीने के बाद ही रामाचार्युलू की जगह पीसी मोदी को राज्य सभा महासचिव बना दिया गया. पीसी मोदी को राज्य सभा महासचिव गत 12 नवंबर को नियुक्त किया गया था. मोदी को राज्य सभा महासचिव नियुक्त करने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तीखी टिप्पणी की थी.
12 नवंबर को एक ट्वीट में जयराम रमेश ने पीसी मोदी की नियुक्ति के बाद कहा था कि मोदी सरकार के कार्यकाल की नियुक्तियों को देखकर ऐसा लगता है कि योग्य, गैर-पक्षपाती और पेशेवर होना पाप है.
रमेश ने रामाचार्युलू को राज्य सभा महासचिव (Ramacharyulu rajya sabha) पद के लिए योग्य बताते हुए लिखा था कि रामाचार्युलु गैर पक्षपाती और बेहतरीन पेशेवर हैं. राज्य सभा महासचिव के पद पर पीसी मोदी की नियुक्ति के बाद रामाचार्युलु राज्य सभा सचिवालय में सलाहकार नियुक्त किए गए हैं.
राज्य सभा महासचिव पद पर रामचार्युलु मात्र 73 दिन रहे. वह संभवत: एकमात्र व्यक्ति हैं जो संसद के एक भी सत्र में बतौर महासचिव शामिल नहीं हुए. राज्य सभा महासचिव के रूप में रामचार्युलु के पास अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा.
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रामाचार्युलु के नियुक्ति आदेश में अवधि का जिक्र नहीं
सरकार की तरफ से ने रामाचार्युलु की अनौपचारिक विदाई का कोई कारण नहीं बताया गया. राज्य सभा सचिवालय में रामाचार्युलु साल 1983 में शामिल हुए थे. यह भी दिलचस्प है कि रामचार्युलु के नियुक्ति आदेश में कार्यकाल निर्धारित नहीं किया गया था. रामाचार्युलु को विगत एक सितंबर को महासचिव के रूप में तैनात किया गया था. रामाचार्युलु की जगह पीसी मोदी को राज्य सभा महासचिव नियुक्त करने के आदेश में एक वर्ष का कार्यकाल निर्धारित किया गया है.
(इनपुट- आईएएनएस)