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राजीव गांधी हत्याकांड: सरकार ने दोषियों की रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए दायर की याचिका

केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में छह दोषियों की समयपूर्व रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है.

Rajiv Gandhi assassination case
राजीव गांधी हत्याकांड
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Published : Nov 17, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 9:11 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में छह दोषियों की समयपूर्व रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को राजीव गांधी हत्याकांड में करीब तीन दशक से उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन सहित सभी छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था.

  • Centre files review petition in the Supreme Court against the November 11 order allowing the release of all convicts in the Rajiv Gandhi assassination case. pic.twitter.com/stcCnGENnz

    — ANI (@ANI) November 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अदालत ने यह उल्लेख किया था कि एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने के लिए पहले दिया गया उसका आदेश इन दोषियों पर भी समान रूप से लागू होता है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने इस बात का उल्लेख किया कि तमिलनाडु सरकार ने सभी दोषियों की सजा घटाने की सिफारिश की थी, जिस पर राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया था. न्यायालय ने यह भी संज्ञान में लिया कि दोषियों का आचरण जेल में रहने के दौरान संतोषजनक था.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक चुनाव रैली में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में छह दोषियों की समयपूर्व रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को राजीव गांधी हत्याकांड में करीब तीन दशक से उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन सहित सभी छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था.

  • Centre files review petition in the Supreme Court against the November 11 order allowing the release of all convicts in the Rajiv Gandhi assassination case. pic.twitter.com/stcCnGENnz

    — ANI (@ANI) November 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अदालत ने यह उल्लेख किया था कि एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने के लिए पहले दिया गया उसका आदेश इन दोषियों पर भी समान रूप से लागू होता है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने इस बात का उल्लेख किया कि तमिलनाडु सरकार ने सभी दोषियों की सजा घटाने की सिफारिश की थी, जिस पर राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया था. न्यायालय ने यह भी संज्ञान में लिया कि दोषियों का आचरण जेल में रहने के दौरान संतोषजनक था.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक चुनाव रैली में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.

Last Updated : Nov 17, 2022, 9:11 PM IST
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