नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी से असंतुष्ट चल रहे वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से मुलाकात (Rajeev Shukla meets Anand Sharma) की. गौरतलब है कि आनंद शर्मा ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. शर्मा से मुलाकात के बाद राजीव शुक्ला ने कहा, 'मैं राज्य का प्रभारी हूं. उनसे (आनंद शर्मा) मिलना मेरी जिम्मेदारी है. वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं और कोई समस्या नहीं है. अगर कुछ है तो स्पष्ट किया जाएगा.'
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I'm state in charge. It's my responsibility to meet him. He is devoted to party & there is no problem. If there is anything it will be clarified: Congress leader Rajeev Shukla after meeting Anand Sharma who recently resigned as the chairman of Steering Committee of Himachal polls pic.twitter.com/MKYkco4tXP
— ANI (@ANI) August 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था. उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा था कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.
सूत्रों के मुताबिक, समझा जा रहा है कि शर्मा ने पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ 'समझौता नहीं किया जा सकता' और उन्होंने पार्टी की हिमाचल इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. शर्मा से पहले जी23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं. शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है. हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे.
कांग्रेस नेता मंगलवार से जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं और वह कसौली और अन्य जगहों पर अपने समर्थकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. आजाद और शर्मा, दोनों ही जी23 समूह में शामिल प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से नहीं चूके हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित कई अन्य दिग्गज नेताओं वाला यह समूह ब्लॉक से लेकर केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने पर जोर दे रहा है.
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शर्मा के इस्तीफे को कांग्रेस के भीतर 'बागियों' को शांत करने के प्रयासों के लिए एक झटका माना जा रहा है. शर्मा, जिन्हें हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है, ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया. शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था. वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. वह तभी से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.