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Thugs of Mewat: मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर साइबर ठग, अब तक 10 से अधिक दबोचे गए

राजस्थान के भरतपुर से सटे मेवात के कुख्यात एवं शातिर ठग अब मिलिट्री इंटेलिजेंस के निशाने पर हैं. यह बदमाश खुद को सैन्यकर्मी और CBI अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करते थे. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इनपुट के आधार पर अब तक 10 से अधिक साइबर अपराधियों को दबोचा है.

rajasthan thugs of mewat
मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर साइबर ठग
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Published : May 17, 2023, 3:55 PM IST

भरतपुर. पूरे देश में ठगी की वारदात कर आतंक फैलाने वाले मेवात के ठग अब मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर हैं. खुद को सैन्यकर्मी और सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी करने वाले इन बदमाशों के खिलाफ अब पुलिस के साथ ही मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी नकेल कसना शुरू कर दिया है. बीते दिनों दक्षिण कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर भरतपुर और हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ऐसे 10 से अधिक साइबर अपराधियों को दबोचा है. ये अपराधी खुद को सैन्यकर्मी और सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे. फिलहाल हरियाणा, राजस्थान, यूपी पुलिस के साथ ही मिलिट्री इंटेलिजेंस इन अपराधियों से पूछताछ में जुटी है.

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ऐसे दबोचे 10 अपराधीः डिफेंस पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि बीते दिनों भारतीय सेना की दक्षिण कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस से एक इनपुट मिला. जिसके आधार पर भरतपुर के मेवात क्षेत्र से कुख्यात साइबर ठग संजीव कुमार (30) को पकड़ा. इसके बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपी से संयुक्त रूप से पूछताछ की. पूछताछ के आधार पर भरतपुर के डीग और हरियाणा के नूंह में पुलिस ने छापे मारे और 9 अन्य साइबर अपराधी गिरफ्तार किए. इस कार्रवाई के दौरान मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने ठगों से बोगस ग्राहक बनकर भी संपर्क किया.

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सेवारत सैनिकों के दस्तावेज का इस्तेमालः पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि मॉड्यूल में अनुभवी साइबर अपराधी शामिल थे, जो लंबे समय से सक्रिय थे. ये खुद को आर्मीमैन बताकर भोलेभाले लोगों को ठगते थे. इसके लिए आरोपी ऑनलाइन किराए पर मकान लेने और सेकंड हैंड वाहन खरीदने के लिए लोगों को जाल में फंसाते हैं. लोगों का विश्वास जीतने के लिए सेवारत सैनिकों के पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करते, जो कि फर्जी तरीके से तैयार किए जाते थे. किराए पर मकान लेने, प्रोपर्टी खरीदने, सेकंड हैंड वाहन खरीदने के लेन देन के लिए पहले पीड़ित के खाते में कुछ पैसे ट्रांसफर करते थे. उसके बाद फिर से रुपए ट्रांसफर करने के बहाने से पीड़ित को ओटीपी भेजते और पीड़ित के बैंक खाते से ऑनलाइन ठगी कर लेते.

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60 से अधिक ठगी, पुलिस से ऐसे बचतेः आरोपी साइबर ठग पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के एड्रेस के अलग अलग मोबाइल सिम, अलग-अलग बैंक खाते और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे. इस काम में एक पूरा मॉड्यूल सक्रिय था. आरोपियों ने पूछताछ में 60 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने की बात स्वीकार की है. इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश व अन्य स्थानों पर कई मामले दर्ज हैं.

सीबीआई अधिकारी बनकर ठगाः जुरहरा थाना पुलिस ने 14 मई को दो ऐसे साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो पहले सेक्स चैट के जरिए लोगों के अश्लील वीडियो बनाते और बाद में क्राइम ब्रांच व सीबीआई अधिकारी बनकर पीड़ितों को ब्लैकमेल कर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करा लेते. गिरफ्तार किए गए आरोपी हरियाणा के नूंह निवासी इरशाद और मुब्बासिर हैं. कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों से नकली सैन्य पहचान पत्र, कैंटीन कार्ड, पैन, आधार कार्ड, 3 दर्जन से अधिक मोबाइल, 206 सिम कार्ड, 7 लैपटॉप बरामद किए हैं. आरोपी गुजरात, यूपी, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, समेत कई राज्यों में वांछित थे. मिलिट्री इंटेलिजेंस लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.

भरतपुर. पूरे देश में ठगी की वारदात कर आतंक फैलाने वाले मेवात के ठग अब मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर हैं. खुद को सैन्यकर्मी और सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी करने वाले इन बदमाशों के खिलाफ अब पुलिस के साथ ही मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी नकेल कसना शुरू कर दिया है. बीते दिनों दक्षिण कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर भरतपुर और हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ऐसे 10 से अधिक साइबर अपराधियों को दबोचा है. ये अपराधी खुद को सैन्यकर्मी और सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे. फिलहाल हरियाणा, राजस्थान, यूपी पुलिस के साथ ही मिलिट्री इंटेलिजेंस इन अपराधियों से पूछताछ में जुटी है.

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ऐसे दबोचे 10 अपराधीः डिफेंस पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि बीते दिनों भारतीय सेना की दक्षिण कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस से एक इनपुट मिला. जिसके आधार पर भरतपुर के मेवात क्षेत्र से कुख्यात साइबर ठग संजीव कुमार (30) को पकड़ा. इसके बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपी से संयुक्त रूप से पूछताछ की. पूछताछ के आधार पर भरतपुर के डीग और हरियाणा के नूंह में पुलिस ने छापे मारे और 9 अन्य साइबर अपराधी गिरफ्तार किए. इस कार्रवाई के दौरान मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने ठगों से बोगस ग्राहक बनकर भी संपर्क किया.

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सेवारत सैनिकों के दस्तावेज का इस्तेमालः पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि मॉड्यूल में अनुभवी साइबर अपराधी शामिल थे, जो लंबे समय से सक्रिय थे. ये खुद को आर्मीमैन बताकर भोलेभाले लोगों को ठगते थे. इसके लिए आरोपी ऑनलाइन किराए पर मकान लेने और सेकंड हैंड वाहन खरीदने के लिए लोगों को जाल में फंसाते हैं. लोगों का विश्वास जीतने के लिए सेवारत सैनिकों के पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करते, जो कि फर्जी तरीके से तैयार किए जाते थे. किराए पर मकान लेने, प्रोपर्टी खरीदने, सेकंड हैंड वाहन खरीदने के लेन देन के लिए पहले पीड़ित के खाते में कुछ पैसे ट्रांसफर करते थे. उसके बाद फिर से रुपए ट्रांसफर करने के बहाने से पीड़ित को ओटीपी भेजते और पीड़ित के बैंक खाते से ऑनलाइन ठगी कर लेते.

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60 से अधिक ठगी, पुलिस से ऐसे बचतेः आरोपी साइबर ठग पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के एड्रेस के अलग अलग मोबाइल सिम, अलग-अलग बैंक खाते और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे. इस काम में एक पूरा मॉड्यूल सक्रिय था. आरोपियों ने पूछताछ में 60 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने की बात स्वीकार की है. इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश व अन्य स्थानों पर कई मामले दर्ज हैं.

सीबीआई अधिकारी बनकर ठगाः जुरहरा थाना पुलिस ने 14 मई को दो ऐसे साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो पहले सेक्स चैट के जरिए लोगों के अश्लील वीडियो बनाते और बाद में क्राइम ब्रांच व सीबीआई अधिकारी बनकर पीड़ितों को ब्लैकमेल कर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करा लेते. गिरफ्तार किए गए आरोपी हरियाणा के नूंह निवासी इरशाद और मुब्बासिर हैं. कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों से नकली सैन्य पहचान पत्र, कैंटीन कार्ड, पैन, आधार कार्ड, 3 दर्जन से अधिक मोबाइल, 206 सिम कार्ड, 7 लैपटॉप बरामद किए हैं. आरोपी गुजरात, यूपी, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, समेत कई राज्यों में वांछित थे. मिलिट्री इंटेलिजेंस लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.

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