जयपुर. कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में करौली पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सोशल मीडिया एकाउंट ट्विटर पर वीर सावरकर की जन्म जयंती को लेकर पोस्ट किया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स करके राजस्थान पुलिस पर तंज कस रहे हैं. वहीं, एक यूजर ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ऐसे पुलिस अधिकारी या पोस्ट करने वाले संबंधित शख्स के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग कर डाली है. यूजर्स ने लिखा, 'कानून के रखवाले और कायर के साथ'. इसके अलावे कुछ यूजर्स ने पुलिस अधिकारी का साथ देते हुए वीर सावरकर को नमन किया है.
ये है पूरा मामला : दरअसल, रविवार को वीर सावरकर की जन्म जयंती के अवसर पर करौली पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधीकृत सोशल मिडिया एकाउंट ट्विटर पर उनको मां भारती का वीर सपूत, महान कांतिकारी, अखंड भारत के पक्षधर, राष्ट्रवादी वीर विनायक दामोदर सावरकर बताते हुए उनको जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमन किया गया है. साथ ही पोस्ट पर लिखा है, 'काल स्वयं मुझसे डरा है, मैं काल से नहीं. काले पानी का कालकूट पीकर, काल से कराल स्तंभों को झकझोर कर मैं बार-बार लौट आया हूं. फिर भी मैं जीवित हूं, हारी मृत्यु हैं मैं नहीं.' जिसके बाद पोस्ट को ट्विटर पर वीर सावरकर और पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह टोंगस के फोटो के साथ अपलोड किया गया है. जिसके बाद कुछ यूजर्स भड़क गए. वहीं, कुछ यूजर्स ने पुलिस अधीक्षक और पोस्ट का साथ देते हुए नमन किया.
यह लिखा पोस्ट पर यूजर्स ने : मनीष सिंह नाम के यूजर्स ने लिखा है कि फोटो जिसकी लगाई है, वो वीर सावरकर नहीं हैं. फिल्मी कलाकार @RandeepHooda है. दूसरे दर्जे का एक्टर, जिन्होंने D मूवी में दाऊद इब्राहिम की भूमिका निभाई थी. यूजर्स ने राजस्थान सीएमओ कार्यालय, मुख्यमंत्री गहलोत और जयराम रमेश को टैग करते हुए ध्यान देने की अपील की है. यूजर्स ने लिखा है कि सावरकर का अपमान, नहीं सहेगा राजस्थान. वहीं, सोनू मल्होत्रा नाम के यूजर्स ने पुलिस विभाग को टैग करते हुए लिखा है कि ये पुलिस का ट्विटर हैंडल है...तब तो पूरी चौकी को ही सस्पेंड करके देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए. एक सरकारी संस्थान गद्दार, आजाद भारत के पहले आतंकवादी और गांधी के हत्यारे का जन्मदिन का जश्न मानना ही गद्दारी है.
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वहीं, अन्य यूजर्स ने लिखा है कि कितना ही महिमा मंडन करलो, माफीवीर था और रहेगा, शर्मनाक. 2 अक्टूबर या 23 जनवरी को ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया, क्या बात है. गांधी जी और सुभाष जी की पसंद नहीं हैं क्या आपको ?? जय वीर सावरकर की. माफीवीर था ये तो अंग्रेजो का पालतू, महोदय ये भी लिखिए. इसने कई बार अंग्रेजों से माफी मांगी, ये गलत है. इस तरह से दो धर्मों में नफरत फैलाने वाले व्यक्ति को आप महान बना रहे हैं ? शर्मनाक. वहीं, अन्य यूजर्स ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करौली पुलिस के बारे में संज्ञान लेने, कानून के रखवाले और कायर का साथ. वहीं, बाबूलाल जाट नाम के यूजर्स ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए लिखा है कि पुलिस अधीक्षक करौली को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करें, क्योंकि वो गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं. एक कायर और विदेशी गुप्तचर को मां भारती का लाल बताकर भारत माता का अपमान कर रहे हैं. वहीं, कई यूजर्स ने वीर सावरकर को कोटि-कोटि नमन करते हुए जिंदाबाद लिखा है.
पुलिस अधीक्षक नारायण टोंगस की है करौली जिले में दंबग शैली : बता दें कि करौली शहर में दो अप्रैल को नवसंवत्सर के दिन बाइक रैली के बाद भड़की हिंसा और आगजनी की घटना के बाद करौली के नए कप्तान के रूप मे नारायण सिंह टोंगस को भेजा गया था. जिसके बाद से पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह ने जिले की जनता के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार रखते हुए कानून-व्यवस्था को मजबूत किया है. साथ ही एक बार शहर मे फैली साम्प्रदायिक अफवाह के बीच करौली कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के साथ अपने हाथों में सुरक्षा की कमान संभालते हुए मौके पर पहुंचे. हरदम लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देकर पुलिस का सहयोग करने की बात कही. यहां तक कि कई कुख्यात अपराधी-बदमाशों को भी सलाखों के पीछे भेजा. रात में भी गश्त कर पुलिस की कार्यप्रणाली की जानकारी लेते हुए नजर आते हैं. बीते माह शहर में निकली राम रैली का सफलतापूर्वक आयोजन करवाया. साथ ही अपराधियों में पुलिस का भय और लोगों में पुलिस का साथ और भय को खत्म करने का भी काम किया. लोगों में भी पुलिस अधीक्षक की अच्छी कार्यशैली की चर्चा होना आम बात है.
मामला बढ़ा तो हटाई पोस्ट : करौली पुलिस के अधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर वीर सावरकर की जन्म जयंती पर की गई पोस्ट के बाद यूजर्स द्वारा भला-बुरा लिखने के बाद फिलहाल अकाउंट पर की गई पोस्ट को हटा दिया गया है. इस मामले पर पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.