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राजस्थान फोन टैपिंग मामले में जांच हुई तेज, चीफ व्हिप को क्राइम ब्रांच ने भेजा नोटिस - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा फोन टैपिंग को लेकर दर्ज करवाई गई एफआईआर की जांच अब शुरू हो गई है. क्राइम ब्रांच ने, इस मामले में राजस्थान के चीफ व्हिप महेश जोशी को नोटिस भेजा है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत
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Published : Jun 23, 2021, 4:53 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) द्वारा फोन टैपिंग को लेकर दर्ज करवाई गई एफआईआर की जांच अब शुरू हो गई है. क्राइम ब्रांच ने, इस मामले में राजस्थान के चीफ व्हिप महेश जोशी (Mahesh Joshi) को नोटिस भेजा है. उन्हें आगामी 24 जून को क्राइम ब्रांच (crime branch) के दफ्तर में पेश होने को कहा गया है. जहां उनसे टैपिंग प्रकरण को लेकर पूछताछ की जाएगी.

जानकारी के अनुसार, जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ था. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने शिकायत दी थी. इस पर क्राइम ब्रांच ने बीते मार्च में एफआईआर दर्ज कर ली थी. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) पर गंभीर आरोप लगाए गए थे.

इसके साथ ही गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों एवं पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे. प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ ही दिन बाद कोविड संक्रमण बढ़ गया और लॉकडाउन लग गया. इसकी वजह से मामले की जांच नहीं हो पा रही थी.

चीफ व्हिप को पूछताछ के लिए किया तलब
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है, जिसके खिलाफ मंत्री ने शिकायत दी है. पूरे मामले को लेकर जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी. इससे पहले क्राइम ब्रांच ने चीफ व्हिप महेश जोशी को नोटिस भेजकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया है. 24 जून को, उन्हें पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पहुंचने को कहा गया है. सूत्रों का कहना है कि टैपिंग की जांच से पूर्व पुलिस पूरे मामले को लेकर महेश जोशी से जानकारी जुटाना चाहती है. महेश से मिली जानकारी के आधार पर ही क्राइम ब्रांच की तफ्तीश आगे बढ़ेगी.

यह भी पढ़ेंः फोन टैपिंग मामला: केंद्रीय मंत्री ने की शिकायत, क्राइम ब्रांच करेगी जांच

क्या है पूरा मामला
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत में बताया है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत, उनके कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत थी. 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चला, जो एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी. मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप दी थी. क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को, उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) द्वारा फोन टैपिंग को लेकर दर्ज करवाई गई एफआईआर की जांच अब शुरू हो गई है. क्राइम ब्रांच ने, इस मामले में राजस्थान के चीफ व्हिप महेश जोशी (Mahesh Joshi) को नोटिस भेजा है. उन्हें आगामी 24 जून को क्राइम ब्रांच (crime branch) के दफ्तर में पेश होने को कहा गया है. जहां उनसे टैपिंग प्रकरण को लेकर पूछताछ की जाएगी.

जानकारी के अनुसार, जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ था. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने शिकायत दी थी. इस पर क्राइम ब्रांच ने बीते मार्च में एफआईआर दर्ज कर ली थी. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) पर गंभीर आरोप लगाए गए थे.

इसके साथ ही गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों एवं पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे. प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ ही दिन बाद कोविड संक्रमण बढ़ गया और लॉकडाउन लग गया. इसकी वजह से मामले की जांच नहीं हो पा रही थी.

चीफ व्हिप को पूछताछ के लिए किया तलब
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है, जिसके खिलाफ मंत्री ने शिकायत दी है. पूरे मामले को लेकर जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी. इससे पहले क्राइम ब्रांच ने चीफ व्हिप महेश जोशी को नोटिस भेजकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया है. 24 जून को, उन्हें पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पहुंचने को कहा गया है. सूत्रों का कहना है कि टैपिंग की जांच से पूर्व पुलिस पूरे मामले को लेकर महेश जोशी से जानकारी जुटाना चाहती है. महेश से मिली जानकारी के आधार पर ही क्राइम ब्रांच की तफ्तीश आगे बढ़ेगी.

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क्या है पूरा मामला
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत में बताया है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत, उनके कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत थी. 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चला, जो एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी. मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप दी थी. क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को, उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

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