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रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट का झटका, गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज - रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट गुरुवार को बीकानेर में जमीन खरीदने से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में अपना फैसला (Court reserved verdict in Robert Vadra case) सुनाएगा. बता दें कि बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

case related to Robert Vadra
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Published : Dec 22, 2022, 10:29 AM IST

Updated : Dec 22, 2022, 9:18 PM IST

मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुनवाई पूरी

जोधपुर. रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की साझेदारी वाली स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी की याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अब दोनो मां-बेटे की मुश्किलें बढ़ गई और गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले में वाड्रा को थोड़ी राहत देते हुए चार सप्ताह यानि 19 जनवरी तक का प्रोटेक्शन दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी उनको गिरफ्तार नहीं करे. इस दौरान वाड्रा चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश कर सकता है.

पांच सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने आज अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर की ओर से प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा सकती है, लेकिन कोर्ट ने चार सप्ताह के लिए वाड्रा को प्रोटेक्शन दिया है कि उनको गिरफ्तार नहीं किया जाए.

पढ़ें- रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट का झटका, गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज

केन्द्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीप रस्तोगी और उनके सहयोगी सीनियर काउंसिल भानुप्रकाश बोहरा ने पैरवी की. वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने पैरवी की. तीन दिन की लम्बी बहस के बाद कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रखा और गुरुवार को फैसला सुनाते हुए वाड्रा की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया.

बीकानेर के कोलायत में 275 बीघा जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 2 के तहत साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट ने 21 जनवरी 2019 को एक आदेश दिया कि दोनो मां-बेटे अनुसंधान के लिए 12 फरवरी 2019 को ईडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हो.

कोर्ट के आदेश से रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा जयपुर ईडी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे. ईडी ने पूछताछ भी की थी, लेकिन बाद में ईडी ने कस्ट्रोडियल इंट्रोगेशन के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र भी पेश किया था. याचिका को खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने पूर्व में 19 दिसम्बर 2018 को लगाई गई गिरफ्तारी रोक को 19 जनवरी तक के लिए बढ़ाते हुए वाड्रा को अपील के लिए अवसर दिया है.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुनवाई पूरी

जोधपुर. रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की साझेदारी वाली स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी की याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अब दोनो मां-बेटे की मुश्किलें बढ़ गई और गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले में वाड्रा को थोड़ी राहत देते हुए चार सप्ताह यानि 19 जनवरी तक का प्रोटेक्शन दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी उनको गिरफ्तार नहीं करे. इस दौरान वाड्रा चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश कर सकता है.

पांच सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने आज अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर की ओर से प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा सकती है, लेकिन कोर्ट ने चार सप्ताह के लिए वाड्रा को प्रोटेक्शन दिया है कि उनको गिरफ्तार नहीं किया जाए.

पढ़ें- रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट का झटका, गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज

केन्द्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीप रस्तोगी और उनके सहयोगी सीनियर काउंसिल भानुप्रकाश बोहरा ने पैरवी की. वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने पैरवी की. तीन दिन की लम्बी बहस के बाद कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रखा और गुरुवार को फैसला सुनाते हुए वाड्रा की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया.

बीकानेर के कोलायत में 275 बीघा जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 2 के तहत साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट ने 21 जनवरी 2019 को एक आदेश दिया कि दोनो मां-बेटे अनुसंधान के लिए 12 फरवरी 2019 को ईडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हो.

कोर्ट के आदेश से रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मारीन वाड्रा जयपुर ईडी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे. ईडी ने पूछताछ भी की थी, लेकिन बाद में ईडी ने कस्ट्रोडियल इंट्रोगेशन के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र भी पेश किया था. याचिका को खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने पूर्व में 19 दिसम्बर 2018 को लगाई गई गिरफ्तारी रोक को 19 जनवरी तक के लिए बढ़ाते हुए वाड्रा को अपील के लिए अवसर दिया है.

Last Updated : Dec 22, 2022, 9:18 PM IST
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