जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है और 7 महीने से भी कम का वक्त बचा है. ऐसे कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दल सत्ता हासिल करने के लिए सियासी गणित बिठाने में लगे हैं. राजस्थान में जातिगत समीकरणों पर चुनाव होता. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार जातिगत गणित को साध कर चल रहे हैं. गहलोत ने सिख समाज को साधने के लिए बैसाखी के त्योहार पर खुशखबरी दी है. प्रदेश सरकार ने श्री गुरु नानक देव सिख कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है. इस बारे में सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार शाम को ट्वीट करके जानकारी दी.
ये किया ट्वीट : रंधावा ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान सरकार ने इस पावन मौके पर सिख समुदाय के लिए श्री गुरु नानक देव सिख कल्याण बोर्ड बनाने का फैसला किया है. यह बोर्ड सिख समाज की समस्याओं के स्थाई समाधान की दिशा में काम करेगा. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने राजस्थान सरकार के इस कदम को सिख समुदाय के लिए बेहतरीन भरा बताया है. बता दें कि बैसाखी का त्योहार सिख समुदाय के लिए खासा महत्वपूर्ण है. इसी दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. चुनावी साल में अशोक गहलोत सरकार का यह कदम अल्पसंख्यक सिख समुदाय के बीच सरकार की सकारात्मक छवि को पेश करेगा. राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग निवास करते हैं. वहीं, प्रदेश के हर प्रमुख शहर में सिख समुदाय की मौजूदगी है.
प्रस्ताव को मंजूरी : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैसाखी पर्व के अवसर पर श्री गुरु नानक देव सिख कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है. बोर्ड सिख समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन हेतु विभिन्न कार्य संपादित करेगा. अल्पसंख्यक मामलात विभाग की ओर से बोर्ड के गठन के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. बोर्ड का उद्देश्य सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों के लोगों के उत्थान के लिए योजनाएं प्रस्तावित करना और रोजगार को बढ़ावा देने के संबंध में सुझाव देना है. बोर्ड सिख समुदाय के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर भी सुझाव देगा. इसके साथ ही बोर्ड सिख समुदाय की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और समुदाय के परम्परागत व्यवसायों को आधुनिक रूप देने के लिए भी सुझाव देगा.
ये होंगे सदस्य : अधिसूचना के अनुसार बोर्ड सामजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक योजनाओं में सिख समुदाय की भागीदारी, समुदाय के लिए नवीन योजनाओं की प्रगति और इनके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों और समाधान के लिए निरंतर समीक्षा करेगा. श्री गुरु नानक देव सिख कल्याण बोर्ड का प्रशासनिक विभाग अल्पसंख्यक मामलात विभाग होगा. बोर्ड में 7 गैर सरकारी सदस्य होंगे, जिनमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 5 सदस्य शामिल होंगे, साथ ही विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि इसमें सदस्य के रूप में शामिल होंगे. बोर्ड के सचिव पद पर अल्पसंख्यक मामलात विभाग के उपनिदेशक स्तर का अधिकारी कार्य संपादित करेगा.
इससे पहले भी बने जातीय बोर्ड : प्रदेश में जातिगत समूह को खुश करने के लिए जातिगत बोर्ड बनाकर अशोक गहलोत सरकार जाति समूह को कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश कर रही है. इससे पहले विप्र कल्याण बोर्ड, ज्योतिबा फूले बोर्ड सहित चार बोर्ड के गठन को मंजूरी दी थी. ऐसा नहीं है कि गहलोत सरकार ही बोर्ड या आयोग बना कर जातीय समूह को खुश कर रही है, बल्कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में गुर्जर समाज के लिए देवनारायण बोर्ड का गठन कर इसकी नींव रख गई थी. वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी का गठन भी वसुंधरा सरकार में हुआ.
इन समाज के हैं बोर्ड :
- गुर्जर समाज के लिए देवनारायण बोर्ड
- ब्राह्मण समाज के लिए विप्र कल्याण बोर्ड
- राव समाज के लिए वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी
- सेन समाज का केश कला बोर्ड
- कुमार समुदाय का माटी कला बोर्ड
- रेगर समाज का चर्म शिल्प कला बोर्ड
- माली समाज का ज्योतिबा फुले बोर्ड
- धोबी समाज का धोबी कल्याण बोर्ड
- घुमंतू समाज के लिए घुमंतू जनजाति विकास बोर्ड
SC-ST समाज के लिए एससी-एसटी आयोग सहित अन्य कुछ और समाज भी है, जिनका बोर्ड या आयोग है
(प्रेस नोट)