जयपुर. राजस्थान के जयपुर में सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार के बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार और इंस्पेक्टर को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. पहले एक सहकारी समिति के किराए के कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई हुई थी. इस मामले में मदद के नाम पर दोनों ने परिवादी से 20 लाख रुपए की घूस मांगी थी. एसीबी दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. जानकारी मिली है कि दोनों आरोपी पहले भी परिवादी से पांच लाख रुपए की घूस ले चुके थे.
20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग :भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी के अनुसार एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर विशेष अनुसंधान इकाई जयपुर ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां (शहर) देशराज यादव और इंस्पेक्टर अरुण प्रताप सिंह को परिवादी से पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि परिवादी ने एसीबी को शिकायत दी कि उसकी को-ऑपरेटिव सोसायटी के किराए के कार्यालय पर सहकारिता विभाग की टीम की ओर से छापेमारी की कार्रवाई में मदद के बदले देशराज यादव और अरुण प्रताप सिंह 20 लाख रुपए की रिश्वत मांगकर परेशान कर रहे हैं.
पहले भी ले चुके पांच लाख रुपए की रिश्वत : शिकायत मिलने पर एसीबी जयपुर के डीआईजी रणधीर सिंह के सुपरविजन में एसीबी जयपुर के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में सत्यापन किया गया. सत्यापन में शिकायत सही पाई जाने पर आज सीआई रघुवीर शरण के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए देशराज यादव, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां (शहर) और इंस्पेक्टर अरुण प्रताप सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि आरोपी पांच लाख रुपए पहले भी परिवादी से ले चुके हैं.
आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी : देशराज यादव मालवीय नागर के सरस्वती नगर-ए में रहता है, जबकि अरुण प्रताप सिंह जगतपुरा के आशियाना ग्रीन वुड के एक फ्लैट में रहता है. दोनों के आवास और अन्य ठिकानों पर एसीबी की टीम तलाशी अभियान में जुटी हैं. एसीबी के आईजी सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. एसीबी इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है.