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नहीं मिल पाया ₹16 करोड़ का इंजेक्शन, नूर फातिमा ने दुनिया को कहा अलविदा

राजस्थान के बीकानेर जिले की रहने वाली छह माह की बच्ची नूर फातिमा की मौत हो गई है. बच्ची को सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN) नाम की बीमारी थी. इस बीमारी का इलाज काफी महंगा है. इसका एक इंजेक्शन 16 करोड़ रुपये में मिलता है.

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Published : Jun 15, 2021, 10:27 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 12:04 PM IST

नूर फातिमा
नूर फातिमा

जयपुर : राजस्थान के बीकानेर जिले की रहने वाली छह माह की बच्ची नूर फातिमा की मौत हो गई है. नूर फातिमा सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN) नाम की बीमारी से पीड़ित थी जो ज़ोलगेन्स्मा (Zolgensma) का इंजेक्शन लगाने से ही ठीक हो सकती है. इसका एक इंजेक्शन 16 करोड़ रुपये में मिलता है.

पैसों का इंतजाम न होने पाने और इलाज के अभाव में बच्ची ने मंगलवार सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया. हालांकि कई सामाजिक संगठनों की तरफ से नूर फातिमा के लिए पैसों की मदद की गई.

कुछ दिन पहले नूर फातिमा के चाचा इनायत अली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि उनकी बेटी की जान बचा ली जाए.

वहीं, अब सोशल मीडिया पर लोग नूर फातिमा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

SMA एक दुर्लभ जेनेटिक रोग है...
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ जेनेटिक रोग है, जो न्यूरो मस्कुलर जंक्शन्स को प्रभावित करता है. ये टाइप 1 और टाइप 2, दो तरह की होती है. इसमें टाइप 1 अधिक गंभीर है. ये रोग सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN1) जीन में जेनेटिक गड़बड़ी की वजह से होता है. ये जीन एसएमएन प्रोटीन को एनकोड करता है जो मोटर न्यूरॉन्स के सर्वाइव करने के लिए जरूरी होता है.

यह भी पढ़ें- खतरनाक बीमारी से जूझ रही साढ़े छह महीने की नूर, जान बचाने के लिए चाहिए 16 करोड़

बता दें कि हैदराबाद का रहने वाला तीन साल का बच्चा अयांश गुप्ता भी एसएमएन जैसी दुर्लभ जेनिटक बीमारी से पीड़ित था. जिसके बाद काफी कोशिशों के बाद Zolgensma इंजेक्शन नाम की ड्रग हैदराबाद लाई गई और बच्चे को इसे दिया गया, जिससे उसकी जान बची.

जयपुर : राजस्थान के बीकानेर जिले की रहने वाली छह माह की बच्ची नूर फातिमा की मौत हो गई है. नूर फातिमा सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN) नाम की बीमारी से पीड़ित थी जो ज़ोलगेन्स्मा (Zolgensma) का इंजेक्शन लगाने से ही ठीक हो सकती है. इसका एक इंजेक्शन 16 करोड़ रुपये में मिलता है.

पैसों का इंतजाम न होने पाने और इलाज के अभाव में बच्ची ने मंगलवार सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया. हालांकि कई सामाजिक संगठनों की तरफ से नूर फातिमा के लिए पैसों की मदद की गई.

कुछ दिन पहले नूर फातिमा के चाचा इनायत अली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि उनकी बेटी की जान बचा ली जाए.

वहीं, अब सोशल मीडिया पर लोग नूर फातिमा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

SMA एक दुर्लभ जेनेटिक रोग है...
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ जेनेटिक रोग है, जो न्यूरो मस्कुलर जंक्शन्स को प्रभावित करता है. ये टाइप 1 और टाइप 2, दो तरह की होती है. इसमें टाइप 1 अधिक गंभीर है. ये रोग सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (SMN1) जीन में जेनेटिक गड़बड़ी की वजह से होता है. ये जीन एसएमएन प्रोटीन को एनकोड करता है जो मोटर न्यूरॉन्स के सर्वाइव करने के लिए जरूरी होता है.

यह भी पढ़ें- खतरनाक बीमारी से जूझ रही साढ़े छह महीने की नूर, जान बचाने के लिए चाहिए 16 करोड़

बता दें कि हैदराबाद का रहने वाला तीन साल का बच्चा अयांश गुप्ता भी एसएमएन जैसी दुर्लभ जेनिटक बीमारी से पीड़ित था. जिसके बाद काफी कोशिशों के बाद Zolgensma इंजेक्शन नाम की ड्रग हैदराबाद लाई गई और बच्चे को इसे दिया गया, जिससे उसकी जान बची.

Last Updated : Jun 15, 2021, 12:04 PM IST
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