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पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी, निजी अस्पताल का निदेशक गिरफ्तार - Remdesivir in patna

जहां एक तरफ देश में कोरोना का संक्रमण दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है वही दूसरी तरफ ऑक्सीमीटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन जैसे जीवन रक्षक दवाओं व उपकरणों की कालाबाजारी की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. वहीं पटना में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी
रेमडेसिविर की कालाबाजारी
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Published : May 7, 2021, 2:10 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में छापेमारी की. इस दौरान टीम ने अस्पताल के निदेशक और उसके साले को रेमडेसिविर दवा की कालाबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

यह भी पढ़ें: कोरोना संकट में एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर ब्रेक, सरकार ने तय किया रेट कार्ड

भेष बदलकर पहुंची ईओयू टीम
दरअसल, ईओयू को गुप्त सूचना मिली थी कि एसपी वर्मा रोड स्थित रेनबो इमरजेंसी अस्पताल से रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी हो रही है. सूचना के आधार पर टीम अस्पताल पहुंची और अस्पताल में मौजूद कर्मियों से दवा की डोज की जानकारी ली. अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अशफाक अहमद ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके मरीज को यह दवा उपलब्ध करा देंने लेकिन इसके लिए अधिक कीमत चुकानी होगी.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी

दवा दुकान के नाम पर लेकर कर रहा था कालाबाजारी
इसके बाद ईओयू ने कोतवाली थाना और गांधी मैदान थाना के सहयोग से छापेमारी शुरू की. बताया जाता है कि अस्पताल परिसर में ही मौजूद एक दवा दुकान से रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी हो रही थी. मिली जानकारी के अनुसार दवा दुकान के नाम पर रेमडेसिविर को अस्पताल से काफी अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था.

'अभी ड्रग इंस्पेक्टर जांच कर रहे हैं. दवा की कालाबाजारी की जांच चल रही है. अस्पताल के लोगों से पूछताछ हो रही है'. -भास्कर रंजन , ईओयू डीएसपी

1 लाख रुपये वसूल रहा था अस्पताल
टीम को छापेमारी के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों से पूछताछ में पता चला कि एक डोज के लिए एक लाख रुपये तक वसूला जाता था. गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कालाबाजारी की बात स्वीकारी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में छापेमारी की. इस दौरान टीम ने अस्पताल के निदेशक और उसके साले को रेमडेसिविर दवा की कालाबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

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भेष बदलकर पहुंची ईओयू टीम
दरअसल, ईओयू को गुप्त सूचना मिली थी कि एसपी वर्मा रोड स्थित रेनबो इमरजेंसी अस्पताल से रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी हो रही है. सूचना के आधार पर टीम अस्पताल पहुंची और अस्पताल में मौजूद कर्मियों से दवा की डोज की जानकारी ली. अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अशफाक अहमद ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके मरीज को यह दवा उपलब्ध करा देंने लेकिन इसके लिए अधिक कीमत चुकानी होगी.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी

दवा दुकान के नाम पर लेकर कर रहा था कालाबाजारी
इसके बाद ईओयू ने कोतवाली थाना और गांधी मैदान थाना के सहयोग से छापेमारी शुरू की. बताया जाता है कि अस्पताल परिसर में ही मौजूद एक दवा दुकान से रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी हो रही थी. मिली जानकारी के अनुसार दवा दुकान के नाम पर रेमडेसिविर को अस्पताल से काफी अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था.

'अभी ड्रग इंस्पेक्टर जांच कर रहे हैं. दवा की कालाबाजारी की जांच चल रही है. अस्पताल के लोगों से पूछताछ हो रही है'. -भास्कर रंजन , ईओयू डीएसपी

1 लाख रुपये वसूल रहा था अस्पताल
टीम को छापेमारी के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों से पूछताछ में पता चला कि एक डोज के लिए एक लाख रुपये तक वसूला जाता था. गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कालाबाजारी की बात स्वीकारी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

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