नई दिल्ली : रेल कौशल विकास योजना के तहत रेलवे अगले तीन वर्षों में 18 से 35 साल के 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को इस योजना का शुभारंभ किया.
रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार योजना के तहत युवाओं को रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में उद्योग से संबंधित कौशल में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
रेल कौशल विकास योजना (आरकेवीवाई) आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल है और यह आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला का भी हिस्सा है.
वैष्णव ने योजना की शुरुआत करते हुए कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक्स के इस युग में ये कौशल बेहद प्रासंगिक होंगे. मैं इसके सबसे अच्छे पहलू के बारे में सबसे अधिक खुश हूं, वह यह है कि प्रशिक्षण शहरों से अलग दूरदराज के इलाकों में उपलब्ध होगा.'
प्रशिक्षण कार्यक्रम चार विधाओं - इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर, में आयोजित किए जाएंगे और देश भर से चुने गए प्रतिभागियों को 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में 100 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
रेलवे ने कहा, 'इन संस्थानों द्वारा समय-समय पर इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में मिले अंकों जैसी पारदर्शी व्यवस्था के आधार पर किया जाएगा. हालांकि, प्रतिभागी का इस तरह के प्रशिक्षण के आधार पर रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं कर सकेंगे.'
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कार्यक्रम के लिए बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जो इस योजना के लिए नोडल इकाई है.
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना की शुरुआत 1,000 प्रतिभागियों के साथ की जा रही है और तीन साल की अवधि में 50,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
बयान में कहा गया, 'प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और कार्यक्रम के पूरा होने पर उन्हें रेलवे/ राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा.'