नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से निपटने के अपने प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे देश भर के अपने अस्पतालों में 86 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेगा.
इस बारे में रेलवे ने मंगलवार को बताया कि एक बड़े पैमाने पर क्षमता की वृद्धि की जा रही है. इसी के तहत देश भर के 86 रेलवे अस्पतालों के लिए योजना बनाई गई है. इनमें वर्तमान में 4 ऑक्सीजन प्लांट कार्य कर रहे हैं जबकि 52 स्वीकृत हैं व 30 को लगाने का काम चल रहा है.
रेलवे का लक्ष्य है कि कोरोना संकट के बीच सभी रेलवे कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट से लैस किया जाए. इस बारे में रेलवे बोर्ड द्वारा सभी महाप्रबंधकों को पत्र लिखा जा चुका है. इसमें उन्हें ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को मंजूरी देने के लिए प्रत्येक मामले में 2 करोड़ रुपये तक खर्च करने का अधिकार सौंपा गया है.
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इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रेलवे द्वारा तय की जा रही समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डीजे नारायण का कहना था कि उनकी योजना शीघ्र से शीघ्र इसे हासिल करने की है. इस पर जून में काम शुरू हो जाएगा.
वहीं रेल मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि रेलवे अस्पतालों में चिकित्सा स्थितियों से निपटने के लिए भारी क्षमता वृद्धि करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की शुरुआत करेगी.
बता दें कि भारतीय रेलवे कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. रेलवे एक तरफ ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए ऑक्सीजन को तेजी से अलग-अलग हिस्सों में पहुंचा रहा है, वहीं, यात्री और माल ढुलाई का काम भी निर्वाध गति से जारी है.
इसीक्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि रेलवे द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें कोविड के इलाज के लिए बिस्तरों की संख्या 2539 से बढ़ाकर 6972 करने के अलावा कोविड अस्पतालों में आईसीयू बेड को 273 से बढ़ाकर 573 कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इनवेसिव वेंटिलेटर की संख्या 62 से बढ़ाकर 296 कर दी गई है.
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रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि अब तक लगभग 4.32 लाख रेलकर्मियों का टीकाकरण किया जा चुका है और रेलवे भी राज्य सरकारों के संपर्क में है ताकि शेष रेलवे कर्मचारियों को टीका लगाने के अपने प्रयास तेज कर सके. उन्होंने कहा कि इसके अलावा रेलवे ने यह भी निर्देश जारी किया है कि कोविड प्रभावित कर्मचारियों को जरूरत के हिसाब से रेफरल आधार पर पैनल में शामिल अस्पतालों में भर्ती किया जा सकता है.