नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता एवं सांसद विनय विश्वम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया है कि ट्रेन के टिकट के किराए में वरिष्ठ नागरिक को दी जाने वाली रियायत बहाल की जाए, जो कोविड-19 वैश्विक महामारी फैलने के बाद से निलंबित हैं. विश्वम ने एक पत्र में लिखा कि वरिष्ठजन को दी जाने वाली छूट वापस लेने के रेलवे के फैसले के कारण देशभर में करोड़ों बुजुर्ग प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि यह फैसला कोविड-19 के मद्देनजर लिया गया था, लेकिन वैश्विक महामारी का प्रकोप कम होने के बाद वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बावजूद इस निर्णय की समीक्षा नहीं की गई है. वामपंथी नेता ने कहा कि भारत के लोगों को परिवहन का सस्ता एवं प्रभावी तरीका मुहैया कराने के प्राथमिक लक्ष्य से भारतीय रेलवे की स्थापना की गई थी.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से वरिष्ठ नागरिकों सहित 50 साल से अधिक आयु वर्ग के यात्रियों को किराए में छूट दी जा रही थी, ताकि उनकी यात्रा किफायती हो सके. विश्वम ने कहा, ‘बहरहाल, कोविड-19 की शुरुआत के बाद से सुरक्षा एवं रोकथाम के नाम पर इस अस्पष्ट विश्वास के साथ इन रियायतों को बंद कर दिया था कि वैश्विक महामारी के कमजोर पड़ने और देश में गतिविधियां फिर से शुरू होने पर यह छूट बहाल की जाएंगी.'
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उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से इन रियायतों को स्थायी रूप से हटाने के लिए कोविड-19 वैश्विक महामारी का इस्तेमाल किया गया, जिससे भारत के लोगों को बहुत नुकसान हुआ.' भाकपा नेता ने कहा कि मार्च 2020 से मार्च 2022 तक सात करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे का इस्तेमाल किया और इससे छूट समाप्त किए जाने का प्रभाव स्पष्ट होता है. उन्होंने कहा, 'इसके मद्देनजर मैं आपसे रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट बहाल करने का अनुरोध करता हूं. कई वरिष्ठ नागरिक टिकट का पूरा शुल्क देने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में छूट समाप्त होने से उन्हें बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.'