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ओडिशा: रेल मंत्री ने भारत के पहले एल्युमीनियम माल ढुलाई रैक को दिखाई हरी झंडी - रेल मंत्री

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने भारत के पहले एल्युमीनियम माल ढुलाई रैक (Aluminum Freight Rack) को हरी झंडी दी है. इसके साथ ही उन्होंने भुवनेश्वर के चंद्रशेखरपुर में ईसीओआर मुख्यालय, रेल सदन का भी दौरा किया.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
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Published : Oct 16, 2022, 7:32 PM IST

भुवनेश्वर (ओडिशा): केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने रविवार को भुवनेश्वर में भारत के पहले एल्युमीनियम माल ढुलाई रैक (Aluminum Freight Rack) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस विशेष अवसर पर, वैष्णव ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक- BOBRNALHSM1 वैगन रेक का उद्घाटन किया. माल ढुलाई की सेवा प्लेटफॉर्म नंबर 6 से शुरू हुई.

वैष्णव ने भुवनेश्वर के चंद्रशेखरपुर में ईसीओआर मुख्यालय (ECoR Headquarters at Chandrashekharpur), रेल सदन का भी दौरा किया और ओडिशा में चल रही रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा की. सबसे पहले, रेलवे में शामिल स्वदेश निर्मित एल्युमीनियम फ्रेट ट्रेन रैक अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में हल्का था, लेकिन अधिक माल ढुलाई क्षमता के साथ, रेलवे ने रविवार को ओडिशा के भुवनेश्वर से स्वदेशी रूप से निर्मित एल्युमीनियम माल ट्रेन रैक को हरी झंडी दिखाई.

पढ़ें: SSB POP: 18 अक्टूबर को पासिंग आउट परेड, एसएसबी को मिलेंगे 64 नए सब-इंस्पेक्टर

रेलवे ने कहा कि बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और एल्यूमीनियम प्रमुख हिंडाल्को के सहयोग से निर्मित, वैगनों में हर 100 किलोग्राम वजन घटाने के लिए इसका कार्बन फुटप्रिंट भी कम है. रेलवे ने बताया कि आजीवन कार्बन की बचत आठ से 10 टन है और इसका मतलब है, एक रैक के लिए 14,500 टन से अधिक कार्बन की बचत.

भुवनेश्वर (ओडिशा): केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने रविवार को भुवनेश्वर में भारत के पहले एल्युमीनियम माल ढुलाई रैक (Aluminum Freight Rack) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस विशेष अवसर पर, वैष्णव ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक- BOBRNALHSM1 वैगन रेक का उद्घाटन किया. माल ढुलाई की सेवा प्लेटफॉर्म नंबर 6 से शुरू हुई.

वैष्णव ने भुवनेश्वर के चंद्रशेखरपुर में ईसीओआर मुख्यालय (ECoR Headquarters at Chandrashekharpur), रेल सदन का भी दौरा किया और ओडिशा में चल रही रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा की. सबसे पहले, रेलवे में शामिल स्वदेश निर्मित एल्युमीनियम फ्रेट ट्रेन रैक अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में हल्का था, लेकिन अधिक माल ढुलाई क्षमता के साथ, रेलवे ने रविवार को ओडिशा के भुवनेश्वर से स्वदेशी रूप से निर्मित एल्युमीनियम माल ट्रेन रैक को हरी झंडी दिखाई.

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रेलवे ने कहा कि बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और एल्यूमीनियम प्रमुख हिंडाल्को के सहयोग से निर्मित, वैगनों में हर 100 किलोग्राम वजन घटाने के लिए इसका कार्बन फुटप्रिंट भी कम है. रेलवे ने बताया कि आजीवन कार्बन की बचत आठ से 10 टन है और इसका मतलब है, एक रैक के लिए 14,500 टन से अधिक कार्बन की बचत.

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