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रेल मंत्री ने 12,000वें एलएचबी कोच को दिखाई हरी झंडी, निजीकरण पर कही ये बात

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को 12,000वें एलएचबी कोच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही उन्होंने आईसीएफ के एलएचबी शेड में निर्माणाधीन वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निरीक्षण भी किया.

Railway Minister flags off LHB coach
रेल मंत्री ने एलएचबी कोच दिखाई हरी झंडी
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Published : May 20, 2022, 7:49 PM IST

चेन्नई: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री(आईसीएफ) द्वारा शुरू किए गए 12,000वें एलएचबी कोच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. रेल मंत्री ने फर्निशिंग फैक्ट्री, आईसीएफ के एलएचबी शेड में निर्माणाधीन वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निरीक्षण भी किया. इस अवसर पर आईसीएफ ने कहा कि पहले दो प्रोटोटाइप रेक को अगस्त 2022 तक चालू करने की योजना है. साथ ही यह भी कहा गया कि भारतीय रेलवे, अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत रेक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आईसीएफ के निरीक्षण के बाद, अश्विनी वैष्णव ने आईसीएफ के महाप्रबंधक, एके अग्रवाल और वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की उपस्थिति में फर्निशिंग फैक्ट्री में 12,000वें लिंके हॉफमैन बुश एसी-द्वितीय टियर कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही उन्होंने चेन्नई एगमोर के लिए स्टेशन की पुनर्विकास योजना की समीक्षा भी की आईसीएफ ने कहा कि, 'भारतीय रेलवे के इतिहास में यह एक मील का पत्थर होने के साथ यात्री ट्रेन सेवाओं के आधुनिकीकरण में एक बेंचमार्क भी है. आईसीएफ एलएचबी कोचों के उत्पादन में ऐसा बेंचमार्क हासिल करने वाली भारतीय रेलवे की पहली उत्पादन इकाई है.'

मीडिया से बातचीत के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि, 'वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे के लिए एक गौरवपूर्ण परियोजना है. मैं इन विश्वस्तरीय कोचों के डिजाइन और विकास के लिए आईसीएफ की टीम को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से भारत के सभी क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा, जो हम सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है.' उन्होंने कहा कि, 'रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं है. भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए पूरी तरह से नई प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कवच एंटी कोलिजन सुरक्षा उपकरण, जो वंदे भारत एक्सप्रेस के डिब्बों में भी लगाए जाएंगे. बता दें कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नयी दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर शुरू की गई थी.

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रेल मंत्री ने निर्माणाधीन वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निरीक्षण भी किया

उन्होंने यह भी कहा कि, मैं तमिलनाडु में काम कर रहे सभी रेलवे कर्मचारियों को ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन के अलावा रेल उपयोगकर्ताओं के साथ बेहतर बातचीत के लिए तमिल भाषा सीखने की सलाह देता हूं. भारत कई खूबसूरत भाषाओं वाला देश है और हमें हर भाषा की सुंदरता का आनंद लेने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रयास, भारतीय रेलवे को बेहतर यात्री अनुभव, उच्च सुरक्षा और अधिक यात्री क्षमता के साथ बदलने के लिए है. उन्होंने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों को फिर से विकसित किया जा रहा है और 50 स्टेशन पहले ही इस प्रक्रिया में हैं.

यह भी पढ़ें-क्या चलती ट्रेन में इंटरनेट सेवाओं का आनंद ले सकेंगे यात्री, सुनिए रेल मंत्री का जवाब

तमिलनाडु में इस परियोजना के तहत चेन्नई, एगमोर, मदुरै, कन्याकुमारी, रामेश्वरम और काटपाड़ी के स्टेशनों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. वर्तमान बजट में तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए 3,685 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. पीएम गति शक्ति परियोजना के तहत रेलवे के लिए और भी कई विकास किए जा रहे हैं.

चेन्नई: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री(आईसीएफ) द्वारा शुरू किए गए 12,000वें एलएचबी कोच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. रेल मंत्री ने फर्निशिंग फैक्ट्री, आईसीएफ के एलएचबी शेड में निर्माणाधीन वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निरीक्षण भी किया. इस अवसर पर आईसीएफ ने कहा कि पहले दो प्रोटोटाइप रेक को अगस्त 2022 तक चालू करने की योजना है. साथ ही यह भी कहा गया कि भारतीय रेलवे, अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत रेक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आईसीएफ के निरीक्षण के बाद, अश्विनी वैष्णव ने आईसीएफ के महाप्रबंधक, एके अग्रवाल और वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की उपस्थिति में फर्निशिंग फैक्ट्री में 12,000वें लिंके हॉफमैन बुश एसी-द्वितीय टियर कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही उन्होंने चेन्नई एगमोर के लिए स्टेशन की पुनर्विकास योजना की समीक्षा भी की आईसीएफ ने कहा कि, 'भारतीय रेलवे के इतिहास में यह एक मील का पत्थर होने के साथ यात्री ट्रेन सेवाओं के आधुनिकीकरण में एक बेंचमार्क भी है. आईसीएफ एलएचबी कोचों के उत्पादन में ऐसा बेंचमार्क हासिल करने वाली भारतीय रेलवे की पहली उत्पादन इकाई है.'

मीडिया से बातचीत के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि, 'वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे के लिए एक गौरवपूर्ण परियोजना है. मैं इन विश्वस्तरीय कोचों के डिजाइन और विकास के लिए आईसीएफ की टीम को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से भारत के सभी क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा, जो हम सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है.' उन्होंने कहा कि, 'रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं है. भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए पूरी तरह से नई प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कवच एंटी कोलिजन सुरक्षा उपकरण, जो वंदे भारत एक्सप्रेस के डिब्बों में भी लगाए जाएंगे. बता दें कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नयी दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर शुरू की गई थी.

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रेल मंत्री ने निर्माणाधीन वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निरीक्षण भी किया

उन्होंने यह भी कहा कि, मैं तमिलनाडु में काम कर रहे सभी रेलवे कर्मचारियों को ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन के अलावा रेल उपयोगकर्ताओं के साथ बेहतर बातचीत के लिए तमिल भाषा सीखने की सलाह देता हूं. भारत कई खूबसूरत भाषाओं वाला देश है और हमें हर भाषा की सुंदरता का आनंद लेने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रयास, भारतीय रेलवे को बेहतर यात्री अनुभव, उच्च सुरक्षा और अधिक यात्री क्षमता के साथ बदलने के लिए है. उन्होंने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों को फिर से विकसित किया जा रहा है और 50 स्टेशन पहले ही इस प्रक्रिया में हैं.

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तमिलनाडु में इस परियोजना के तहत चेन्नई, एगमोर, मदुरै, कन्याकुमारी, रामेश्वरम और काटपाड़ी के स्टेशनों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. वर्तमान बजट में तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए 3,685 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. पीएम गति शक्ति परियोजना के तहत रेलवे के लिए और भी कई विकास किए जा रहे हैं.

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