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यूपी में बेकाबू कोरोना से व्याकुल हो गए विधायक जी, स्वास्थ्य विभाग पर जमकर बरसे

यूपी के लखीमपुर खीरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम एक प्राइवेट नर्सिंग होम पर छापा मारने पहुंची तो नर्सिंग होम में बीजेपी विधायक कोरोना का इलाज कराते मिले. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को भी यही शिकायत मिली थी कि नर्सिंग होम में बिना अनुमति लिए कोरोना की जांच और इलाज किया जा रहा है. जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची, इलाज करा रहे विधायक नर्सिंग होम के मालिक की तरफदारी करने लगे और कहा अस्पताल सील किया तो यहीं जान दे दूंगा.

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Published : Apr 14, 2021, 8:23 PM IST

लखीमपुर खीरी : खीरी जिले के सीएमओ मनोज अग्रवाल से किसी ने शिकायत भेजी कि शहर के एक प्रतिष्ठित नर्सिंग होम में बिना अनुमति कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है. इस पर सीएमओ मनोज अग्रवाल ने एडिशनल सीएमओ आरपी दीक्षित के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस नर्सिंग होम पर जांच के लिए भेज दिया.

जैसे ही एडिशनल सीएमओ आरपी दीक्षित अपनी टीम के साथ नर्सिंग होम पहुंचे, वहां धौरहरा के बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने हंगामा काट दिया. इससे वहां हड़कंप मच गया. दरअसल, वहां इलाज करा रहे धौरहरा के बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी के बेटे भी सामने आ गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम और विधायक के बेटे के बीच पहले तो जमकर नोकझोंक हुई.

इसके बाद विधायक खुद बेड छोड़कर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अफसरों से कहा कि वह नर्सिंग होम पर कार्रवाई की कोशिश न करें, यहां गरीबों का इलाज होता है. विधायक ने टीम से कहा कि नर्सिंग होम को सील किया तो यहीं जान दे दूंगा.

कर्मचारियों के कोविड जांच बात पर हुई सुलह

इस बीच सीएमओ से लेकर सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का पोस्टमार्टम खुद एमएलए ने कर दिया. बाद में नर्सिंग होम के कर्मचारियों के कोविड जांच कराने की बात पर सुलह हो सकी. स्वास्थ्य टीम बैरंग लौट गई. उधर, विधायक और एडिशनल सीएमओ की बातचीत का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. गौतरतलब है कि धौरहरा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने एक अप्रैल को कोविड वैक्सीन लगवाई थी. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी.

नर्सिंग होम पर छापे को पहुंची टीम
खूब हुई लानत मलामत

उधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम के अपने तर्क थे. पर इस बीच तमाम लानत मलामत होने लगी. विधायक ने बताया कि एक अप्रैल को उनको टीका लगा था. उनकी तबियत बिगड़ी तो विधायक ने सीएमओ को पूरी बात बताई. सीएमओ ने कहा कि टीका लगाने के बाद थोड़ी बहुत परेशानी होती है. पर विधायक की तबियत ज्यादा बिगड़ने पर वो इस नर्सिंग होम में आए. सरकारी अस्पताल में विधायक नहीं गए. उनको पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं, इसलिए वे प्राइवेट नर्सिंग होम में अपना इलाज करा रहे हैं.

एडिशनल सीएमओ ने संभाली बात

विधायक ने कहा कि एक बार वह वापस घर चले गए थे पर दो दिन के बाद फिर उनकी हालत बिगड़ी तो वह इस नर्सिंग होम में अपना इलाज कराने चले आए. इस पर एडिशनल सीएमओ ने बात को संभाला और नर्सिंग होम के सभी कर्मचारियों-स्टाफ का कोविड चेकअप करने की अपील की. इस पर विधायक और स्वास्थ्य विभाग की टीम के बीच सहमति बन गई.

एक महिला की मौत के बाद हुई शिकायत

इस प्रतिष्ठित नर्सिंग होम की शिकायत एक महिला की मौत के बाद हुई. बताया जाता है कि मिश्राना निवासी महिला के परिजनों ने सीएमओ से शिकायत की कि वह महिला का शहर के इस नर्सिंग होम में इलाज करावा रहे थे. डॉक्टरों ने वहां महिला को कोविड-19 होने की बात कहकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन महिला को जिला अस्पताल ले ही जा रहे थे कि तभी रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया.

इसके अलावा एक और महिला को उक्त अस्पताल ने कोरोना की पुष्टि करने की बात कहकर चलता कर दिया था. स्वास्थ विभाग का कहना है कि अगर कोविड-19 की जांच नर्सिंग में हो रही थी तो इसकी जांच का अधिकार अस्पताल को किसने दिया. बिना लाइसेंस के यहां जांच कैसे हो रही थी. अगर किसी को कोविड निकलता भी है तो अस्पताल ने सीएमओ या स्वास्थ्य विभाग को खबर क्यों नहीं दी.

नर्सिंग होम संचालक बोले कोरोना की जांच नहीं

नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर एसपी वर्मा ने कहा कि नर्सिंग होम में कोरोना की जांच और इलाज की बात पूरी तरह गलत और निराधार है. नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करता है. किसी भी कोरोना मरीज का इलाज नर्सिंग होम में नहीं हुआ. हम जांच के बाद ही मरीज देख रहे हैं.

यह भी पढ़े-यूपी में अस्पतालों की नहीं श्मशानों की क्षमता बढ़ा रही सरकार : प्रियंका

कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं. इन दिनों कई मरीजों में खांसी और जुकाम के दौरान निमोनिया की शिकायत आ रही है. किसी-किसी को सीवियर निमोनिया हो जा रहा है. इससे मरीज की हालत जल्दी खराब हो रही है. नर्सिंग होम में किसी कोरोना मरीज का इलाज नहीं किया गया, ना ही कोरोना की जांच की जा रही है.

लखीमपुर खीरी : खीरी जिले के सीएमओ मनोज अग्रवाल से किसी ने शिकायत भेजी कि शहर के एक प्रतिष्ठित नर्सिंग होम में बिना अनुमति कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है. इस पर सीएमओ मनोज अग्रवाल ने एडिशनल सीएमओ आरपी दीक्षित के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस नर्सिंग होम पर जांच के लिए भेज दिया.

जैसे ही एडिशनल सीएमओ आरपी दीक्षित अपनी टीम के साथ नर्सिंग होम पहुंचे, वहां धौरहरा के बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने हंगामा काट दिया. इससे वहां हड़कंप मच गया. दरअसल, वहां इलाज करा रहे धौरहरा के बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी के बेटे भी सामने आ गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम और विधायक के बेटे के बीच पहले तो जमकर नोकझोंक हुई.

इसके बाद विधायक खुद बेड छोड़कर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अफसरों से कहा कि वह नर्सिंग होम पर कार्रवाई की कोशिश न करें, यहां गरीबों का इलाज होता है. विधायक ने टीम से कहा कि नर्सिंग होम को सील किया तो यहीं जान दे दूंगा.

कर्मचारियों के कोविड जांच बात पर हुई सुलह

इस बीच सीएमओ से लेकर सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का पोस्टमार्टम खुद एमएलए ने कर दिया. बाद में नर्सिंग होम के कर्मचारियों के कोविड जांच कराने की बात पर सुलह हो सकी. स्वास्थ्य टीम बैरंग लौट गई. उधर, विधायक और एडिशनल सीएमओ की बातचीत का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. गौतरतलब है कि धौरहरा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने एक अप्रैल को कोविड वैक्सीन लगवाई थी. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी.

नर्सिंग होम पर छापे को पहुंची टीम
खूब हुई लानत मलामत

उधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम के अपने तर्क थे. पर इस बीच तमाम लानत मलामत होने लगी. विधायक ने बताया कि एक अप्रैल को उनको टीका लगा था. उनकी तबियत बिगड़ी तो विधायक ने सीएमओ को पूरी बात बताई. सीएमओ ने कहा कि टीका लगाने के बाद थोड़ी बहुत परेशानी होती है. पर विधायक की तबियत ज्यादा बिगड़ने पर वो इस नर्सिंग होम में आए. सरकारी अस्पताल में विधायक नहीं गए. उनको पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं, इसलिए वे प्राइवेट नर्सिंग होम में अपना इलाज करा रहे हैं.

एडिशनल सीएमओ ने संभाली बात

विधायक ने कहा कि एक बार वह वापस घर चले गए थे पर दो दिन के बाद फिर उनकी हालत बिगड़ी तो वह इस नर्सिंग होम में अपना इलाज कराने चले आए. इस पर एडिशनल सीएमओ ने बात को संभाला और नर्सिंग होम के सभी कर्मचारियों-स्टाफ का कोविड चेकअप करने की अपील की. इस पर विधायक और स्वास्थ्य विभाग की टीम के बीच सहमति बन गई.

एक महिला की मौत के बाद हुई शिकायत

इस प्रतिष्ठित नर्सिंग होम की शिकायत एक महिला की मौत के बाद हुई. बताया जाता है कि मिश्राना निवासी महिला के परिजनों ने सीएमओ से शिकायत की कि वह महिला का शहर के इस नर्सिंग होम में इलाज करावा रहे थे. डॉक्टरों ने वहां महिला को कोविड-19 होने की बात कहकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन महिला को जिला अस्पताल ले ही जा रहे थे कि तभी रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया.

इसके अलावा एक और महिला को उक्त अस्पताल ने कोरोना की पुष्टि करने की बात कहकर चलता कर दिया था. स्वास्थ विभाग का कहना है कि अगर कोविड-19 की जांच नर्सिंग में हो रही थी तो इसकी जांच का अधिकार अस्पताल को किसने दिया. बिना लाइसेंस के यहां जांच कैसे हो रही थी. अगर किसी को कोविड निकलता भी है तो अस्पताल ने सीएमओ या स्वास्थ्य विभाग को खबर क्यों नहीं दी.

नर्सिंग होम संचालक बोले कोरोना की जांच नहीं

नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर एसपी वर्मा ने कहा कि नर्सिंग होम में कोरोना की जांच और इलाज की बात पूरी तरह गलत और निराधार है. नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करता है. किसी भी कोरोना मरीज का इलाज नर्सिंग होम में नहीं हुआ. हम जांच के बाद ही मरीज देख रहे हैं.

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कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं. इन दिनों कई मरीजों में खांसी और जुकाम के दौरान निमोनिया की शिकायत आ रही है. किसी-किसी को सीवियर निमोनिया हो जा रहा है. इससे मरीज की हालत जल्दी खराब हो रही है. नर्सिंग होम में किसी कोरोना मरीज का इलाज नहीं किया गया, ना ही कोरोना की जांच की जा रही है.

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