पलक्कड/पोन्नानी (केरल): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छह अप्रैल को होने वाले केरल विधानसभा चुनावों के लिये शुक्रवार को अपने प्रचार अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की और युवाओं और आम लोगों से कहा कि नफरत फैलाने व हिंसा में शामिल लोगों से सावधान रहें. उन्होंने 'कमजोर' आर्थिक स्थितियों के लिये केंद्र और एलडीएफ सरकारों पर निशाना साधा.
कोयंबटूर से हेलीकॉप्टर के जरिये दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे कांग्रेस नेता ने पलक्कड व मलाप्पुरम जिलों में कई सभाओं को संबोधित किया. वायनाड से सांसद गांधी ने पलक्कड विधानसभा क्षेत्र में रोड शो किया जहां दो बार से विधायक और युवा कांग्रेस अध्यक्ष शफी प्रांबिल का मुकाबला भाजपा के 88 वर्षीय 'मेट्रोमेन' ई श्रीधरन से हैं जो पहली बार चुनावी मैदान में हैं. वहीं, त्रिथला में मौजूदा विधायक वीटी बलराम का मुकाबला पलक्कड के पूर्व सांसद और एलडीएफ के एम बी राजेश से है.
कांग्रेस नेता ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मैं चुनाव में कई युवा उम्मीदवार खड़े करने के लिये यूडीएफ को बधाई देता हूं. युवाओं की ऊर्जा हमारे देश को सही दिशा में लेकर जाएगी. कांग्रेस नेता ने मालमपुझा और चित्तूर में भी रोड शो किया जहां से एस के अनंतकृष्णन और सुमेश अच्यूतन उम्मीदवार हैं. पोन्नानी में एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने लोगों से कहा कि छह अप्रैल को मतदान से पहले उन लोगों के बारे में सोचें जो नफरत और हिंसा फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उन लोगों के बारे में सोचिए जो नफरत व हिंसा फैला रहे हैं. सोचिये कि क्या केरल और भारत के लिये विभाजित होना, गुस्सा होना फायदेमंद होगा. आपका यहां एक इतिहास है. निकटवर्ती मलप्पुरम जिले के पोन्नानी में गांधी ने कहा कि आपकी एक खास परंपरा और समझ है, अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कीजिए कि किसे यह चुनाव जीतना चाहिए?. यहां से युवा नेता ए एम रोहित को उम्मीदवार बनाया गया है.
कांग्रेस ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी का हवाला देते हुए पूछा कि ऐसी सरकार होने का क्या मतलब है, जो युवाओं को रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकती. कांग्रेस नेता ने कहा कि हर कोई हमारे देश में बेरोजगारी की स्थिति के बारे में समझता है. हमारी अर्थव्यवस्था जो हमारी ताकत थी उसे बर्बाद कर दिया गया. ऐसी सरकार होने का क्या मतलब जो युवाओं को रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकती. ऐसी सरकार का क्या मतलब जो अपने लोगों को लूटती हो? सरकार का कर्तव्य लोगों को नया नजरिया देने का होता है.
उन्होंने पूछा कि बेरोजगार युवाओं को आज क्या नजरिया दिया जा रहा है? आप उनसे क्या करने की उम्मीद करते हैं? आप चाहते हैं कि वह घर पर बैठ जाएं. उन्होंने दावा किया कि सरकार लोगों को कृषि विधेयकों, जीएसटी, पेट्रोल के दामों समेत कई माध्यमों से लूट रही है और लोगों से पूछा कि इसके बदले में उन्हें क्या मिल रहा है? गांधी ने कहा कि आपको नौकरी नहीं मिल रही है, आपको क्या मिल रहा है? कुछ नहीं. सिर्फ बहाने.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा इस बार 55 प्रतिशत युवाओं को टिकट दिया है. इससे पहले उन्होंने पक्कत में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश और राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर है और नोटबंदी व त्रुटिपूर्ण जीएसटी के कारण यह बद्तर हो गई है. दोनों ही सरकारें अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में नाकाम रहीं. माकपा के नेतृत्व वाली सत्ताधारी एलडीएफ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का उसका प्रयास वैसा ही है जैसा कोई बिना पेट्रोल के कार को चालू करने की कोशिश करे.
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राहुल ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था में पूंजी डालने की जरूरत है. जब हमने रोजगार गारंटी योजना को शुरू करने का प्रयास किया तो बहुत से लोगों ने कहा कि यह धन की बर्बादी है, लेकिन बाद में उन्हें मानना पड़ा कि इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला. उन्होंने दावा किया कि ‘न्याय’ (न्यूनतम आय गारंटी) योजना से अर्थव्यवस्था में पैसा आएगा और आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी इसलिये उत्पादन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.