नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के राजदूत निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत की है. राहुल ने उनसे कहा कि असम में एक सज्जन जो हमारा प्रचार अभियान चला रहे हैं, उन्होंने एक वीडियो भेजा है, जिसमें भाजपा के एक उम्मीदवार अपनी कार में ईवीएम मशीनों को ले जा रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय मीडिया में कुछ भी नहीं चल रहा है.
राहुल गांधी ने कहा कि इस देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा किया जा रहा है. भाजपा के पास पूर्ण वित्तीय और मीडिया प्रभुत्व है. सिर्फ कांग्रेस ही नहीं सपा, बसपा, राकांपा कोई भी चुनाव नहीं जीत रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि मेरी सुरक्षा करें. मैं ऐसा मीडिया चाहता हूं, जो स्वतंत्र हो.
उन्होंने आगे कहा मुझे वित्तीय समता की आवश्यकता है, मुझे ऐसी पूरी संरचना चाहिए जो वास्तव में मुझे एक राजनीतिक पार्टी संचालित करने की अनुमति देता है. हालांकि, मेरे पास यह सब नहीं है.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में संस्थागत ढांचे पर सत्तापक्ष की तरफ से पूरी तरह कब्जा कर लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा, निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं अपेक्षित सहयोग नहीं दे रही हैं.
उन्होंने अमेरिका के जानेमाने शिक्षण संस्थान 'हार्वर्ड कैनेडी स्कूल' के छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद में असम विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक विधायक की कार से ईवीएम मिलने का भी उल्लेख किया. इस कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स ने की.
कांग्रेस की चुनावी असफलता और आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, हम आज ऐसी अलग स्थिति में हैं, जहां वो संस्थाएं हमारी रक्षा नहीं कर पा रही हैं, जिन्हें हमारी रक्षा करनी है, जिन संस्थाओं को निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए सहयोग देना है वो अब ऐसा नहीं कर रही हैं.
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उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष की तरफ से संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सत्तापक्ष से लोगों का मोहभंग हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए एक अवसर भी है.
कोरोना संकट और लॉकडाउन के असर पर कांग्रेस नेता ने कहा, मैंने लॉकडाउन की शुरुआत में कहा था कि शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाए, लेकिन कुछ महीने बाद केंद्र सरकार की समझ में आया, तब तक नुकसान हो चुका था.
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने पर उनकी आर्थिक नीति क्या होगी तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह नौकरियों के सृजन पर जोर देंगे. अर्थव्यवस्था को गति देने के उपाय से जुड़े सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, अब सिर्फ एक ही विकल्प है कि लोगों के हाथों में पैसे दिए जाएं. इसके लिए हमारे पास 'न्याय' का विचार है.
उन्होंने चीन के बढ़ते वर्चस्व की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत और अमेरिका जैसे देश लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ ही समृद्धि और विनिर्माण क्षेत्र के विकास से बीजिंग की चुनौती से निपट सकते हैं.