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Karnataka assembly elections : कर्नाटक में उम्मीदवारों के चयन में काफी सावधानी बरत रहे राहुल गांधी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी काफी सावधानी बरत रहे हैं. पार्टी मानती है कि उसके पास विधानसभा चुनाव जीतने का एक अच्छा मौका है. कांग्रेस 224 सीटों वाली विधानसभा के लिए 164 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

congress leader rahul gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
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Published : Apr 9, 2023, 3:33 PM IST

नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के पास एक अच्छा मौका है. बता दें कि 10 मई को राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यही वजह है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रत्याशियों के चयन करने को लेकर बहुत सावधानी बरत रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने सभी 224 विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों और वहां पर पार्टी की संभावनाओं के बारे में व्यक्तिगत जानकारी जुटाई है. इसकी जानकारी के साथ जो उनको स्थानीय नेतृत्व के कई स्तरों से होती हुई उनके पास तक पहुंची थी, राहुल गांधी ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकों में संभावित नामों को मंजूरी देने से पहले इस पर काफी विचार-विमर्श किया था.

इस बारे में सीईसी सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह राहुल गांधी के लिए एक प्रतिष्ठा का चुनाव है. वह सीईसी की बैठकों के दौरान काफी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और प्रत्येक सीट पर विस्तार से चर्चा करते रहे हैं. इतना ही नहीं वह सीटों और संभावित उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि की रिपोर्ट लेकर भी आए थे.

बता दें कि हाल ही में सीईसी ने कई बार मुलाकात की है, लेकिन पार्टी ने अभी तक 164 उम्मीदवारों की केवल दो सूचियों की घोषणा की है, जो कुल सीट 224 का लगभग दो तिहाई है. शेष सीटों पर 10 अप्रैल के आसपास प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी. फिलहाल सभी को कांग्रेस प्रत्याशियों की तीसरी सूची का इंतजार है. सीईसी सदस्य ने कहा कि देरी इसलिए हो रही है क्योंकि राज्य में हमारे पास बड़ी संख्या में नेता हैं और टिकट वितरण काफी महत्वपूर्ण है.

राज्य के वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद ने स्वीकार किया कि पार्टी ने एक परंपरा को तोड़ने और अपने प्रतिद्वंद्वियों बीजेपी और जेडी-एस से पहले उम्मीदवारों की घोषणा करने का जोखिम उठाया है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब हमने जल्दी टिकटों की घोषणा की है. इसका हमें फायदा मिलेगा. हमारे लोग काम पर हैं. हरि प्रसाद के मुताबिक हमने चुनाव प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी थी और स्थानीय स्तर के नेताओं के अलावा सचिवों से भी संभावित उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक लिया था. इसके अलावा सीटों का एक सर्वेक्षण भी किया गया था.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र इस बार टिकट के दावेदारों की संख्या से उत्साहित हैं और उन्होंने इसके लिए पार्टी की जीत की संभावना को जिम्मेदार बताया है. एआईसीसी के एक पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी के टिकट के लिए आवेदन करने के लिए 1,400 उम्मीदवारों ने 2-2 लाख रुपये की आधिकारिक फीस का भुगतान किया है. इस बारे में एआईसीसी सचिव संदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने जनता के मिजाज को भांप लिया है.

उन्होंने कहा कि राहुल जी ने हमें 150 सीटों का लक्ष्य दिया था. इसको लेकर हम सब काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि पार्टी को सदन में साधारण बहुमत मिलेगा. संदीप कुमार ने कहा कि हमारे प्रतिद्वंदी बीजेपी और जेडी-एस ने अभी तक उम्मीदवार तय नहीं किए हैं. एआईसीसी सचिव संदीप कुमार ने कहा कि जद-एस के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. वे केवल भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करेंगे. हम अपने बल पर चुनाव लड़ रहे है. हम चुनाव को भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई के रूप में पेश कर रहे हैं और बोम्मई सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाएंगे.

ये भी पढ़ें - अगर खड़गे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनते हैं तो मैं उनके अधीन काम करने को तैयार हूं: शिवकुमार

नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के पास एक अच्छा मौका है. बता दें कि 10 मई को राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यही वजह है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रत्याशियों के चयन करने को लेकर बहुत सावधानी बरत रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने सभी 224 विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों और वहां पर पार्टी की संभावनाओं के बारे में व्यक्तिगत जानकारी जुटाई है. इसकी जानकारी के साथ जो उनको स्थानीय नेतृत्व के कई स्तरों से होती हुई उनके पास तक पहुंची थी, राहुल गांधी ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकों में संभावित नामों को मंजूरी देने से पहले इस पर काफी विचार-विमर्श किया था.

इस बारे में सीईसी सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह राहुल गांधी के लिए एक प्रतिष्ठा का चुनाव है. वह सीईसी की बैठकों के दौरान काफी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और प्रत्येक सीट पर विस्तार से चर्चा करते रहे हैं. इतना ही नहीं वह सीटों और संभावित उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि की रिपोर्ट लेकर भी आए थे.

बता दें कि हाल ही में सीईसी ने कई बार मुलाकात की है, लेकिन पार्टी ने अभी तक 164 उम्मीदवारों की केवल दो सूचियों की घोषणा की है, जो कुल सीट 224 का लगभग दो तिहाई है. शेष सीटों पर 10 अप्रैल के आसपास प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी. फिलहाल सभी को कांग्रेस प्रत्याशियों की तीसरी सूची का इंतजार है. सीईसी सदस्य ने कहा कि देरी इसलिए हो रही है क्योंकि राज्य में हमारे पास बड़ी संख्या में नेता हैं और टिकट वितरण काफी महत्वपूर्ण है.

राज्य के वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद ने स्वीकार किया कि पार्टी ने एक परंपरा को तोड़ने और अपने प्रतिद्वंद्वियों बीजेपी और जेडी-एस से पहले उम्मीदवारों की घोषणा करने का जोखिम उठाया है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब हमने जल्दी टिकटों की घोषणा की है. इसका हमें फायदा मिलेगा. हमारे लोग काम पर हैं. हरि प्रसाद के मुताबिक हमने चुनाव प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी थी और स्थानीय स्तर के नेताओं के अलावा सचिवों से भी संभावित उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक लिया था. इसके अलावा सीटों का एक सर्वेक्षण भी किया गया था.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र इस बार टिकट के दावेदारों की संख्या से उत्साहित हैं और उन्होंने इसके लिए पार्टी की जीत की संभावना को जिम्मेदार बताया है. एआईसीसी के एक पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी के टिकट के लिए आवेदन करने के लिए 1,400 उम्मीदवारों ने 2-2 लाख रुपये की आधिकारिक फीस का भुगतान किया है. इस बारे में एआईसीसी सचिव संदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने जनता के मिजाज को भांप लिया है.

उन्होंने कहा कि राहुल जी ने हमें 150 सीटों का लक्ष्य दिया था. इसको लेकर हम सब काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि पार्टी को सदन में साधारण बहुमत मिलेगा. संदीप कुमार ने कहा कि हमारे प्रतिद्वंदी बीजेपी और जेडी-एस ने अभी तक उम्मीदवार तय नहीं किए हैं. एआईसीसी सचिव संदीप कुमार ने कहा कि जद-एस के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. वे केवल भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करेंगे. हम अपने बल पर चुनाव लड़ रहे है. हम चुनाव को भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई के रूप में पेश कर रहे हैं और बोम्मई सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाएंगे.

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