नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिन्हें 20 जून को सर गंगा राम अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 14 घंटे की पूछताछ के बाद राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय से देर रात निकले और फिर सीधे अपनी मां यानी सोनिया गांधी से मुलाकात की.
सूत्रों के मुताबिक पूर्व कांग्रेस प्रमुख को एजेंसी ने 21 जून को उनके खिलाफ जांच में फिर से शामिल होने के लिए तलब किया है. केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य सोमवार सुबह करीब 11.10 बजे अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ ईडी मुख्यालय पहुंचे. ईडी ने राहुल गांधी से 13 जून से 15 जून तक लगातार तीन दिनों तक 27 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. उन्होंने पहले 16 जून को पेशी से छूट मांगी थी, जिसके बाद उन्हें 17 जून को बुलाया गया था. लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ईडी को पत्र लिखकर अपनी मां सोनिया गांधी की बीमारी का हवाला देते हुए पूछताछ स्थगित करने की मांग की. ईडी ने उसके अनुरोध पर 20 जून को उसे जांच में पेश होने की अनुमति दी.
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी से गांधी परिवार द्वारा यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) के स्वामित्व और नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) में इसके शेयरधारिता पैटर्न के बारे में पूछताछ की जा रही है. बता दें कि भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड, एजेएल द्वारा प्रकाशित किया गया था. साल 2010 में एजेएल को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था तब एक नव-निर्मित वाईआईएल ने सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के साथ निदेशक के रूप में लिया. बताया जाता है कि दोनों गांधी परिवार के वफादार थे.
दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. जांच से अवगत अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी से वाईआईएल द्वारा एजेएल के अधिग्रहण के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं क्योंकि बाद में गांधी परिवार की हिस्सेदारी है. ईडी ने राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी को भी 23 जून को मामले में जांच के लिए पेश होने का सम्मन दिया है.
ऐसे आरोप हैं कि एजेएल की स्थापना 1930 के दशक में नेशनल हेराल्ड को छापने के लिए की गई थी और इसके शेयरधारकों के रूप में 5,000 स्वतंत्रता सेनानी थे. एजेएल अब गांधी के परिवार के स्वामित्व में है. एजेएल ने 2008 में घोषणा की कि वह अब अखबार नहीं छापेगी और रियल एस्टेट में प्रवेश करेगी. 2010 में YIL नामक एक नई फर्म को 5 लाख रुपये के साथ और राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ निदेशक के रूप में शामिल किया गया था. इसने चैरिटी करने की प्रतिज्ञा ली थी परंतु आरोपों के अनुसार 2016 तक इसने कोई चैरिटी नहीं की.
आरोप है कि एजेएल के 9 करोड़ शेयर (सभी का 99 पीसी) वाईआईएल को स्थानांतरित कर दिए गए और अकेले राहुल गांधी के पास 75 फीसदी शेयर हैं जबकि शेष शेयर सोनिया और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस के पास हैं. पीएमएलए के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए मामला नौ महीने पहले तब दर्ज किया गया था जब निचली अदालत ने भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था. साल 2013 में स्वामी ने यह आरोप लगाते हुए कोर्ट गए थे कि एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हासिल किया गया और वाईआईएल को हस्तांतरित कर दिया गया, जिसमें सोनिया गांधी और उनके बेटे के पास 38-38 प्रतिशत शेयर थे.
स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया. YIL ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त किया, जो कि AJL पर कांग्रेस का बकाया था. कांग्रेस ने तर्क दिया कि कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत YIL एक गैर-लाभकारी कंपनी थी जो न तो लाभ जमा कर सकती है और न ही अपने शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान कर सकती है. एजेंसी ने तब दोनों कांग्रेस नेताओं और फिर पीएमएलए के तहत बयान दर्ज किए. खड़गे जहां वाईआईएल के सीईओ हैं, वहीं बंसल एजेएल के प्रबंध निदेशक हैं.
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एएनआई