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पत्रकार रोहित के खिलाफ फरारी पंचनामा तैयार कर रही रायपुर पुलिस

राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज के मामले में पत्रकार रोहित रंजन को गिरफ्तार करने के लिए रायपुर पुलिस दिल्ली पहुंची है. इस बीच मंगलवार को रोहित रंजन को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि देर शाम उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. रायपुर पुलिस आज फिर पत्रकार के गाजियाबाद स्थित आवास पहुंची लेकिन रोहित घर पर नहीं मिले. अब रायपुर पुलिस पत्रकार के ऑफिस जाकर पूछताछ करेगी.

raipur police
रायपुर पुलिस
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Published : Jul 6, 2022, 1:28 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 3:40 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस आज फिर पत्रकार रोहित रंजन के गाजियाबाद स्थित निवास पहुंची. सुबह करीब 9 बजे सीएसपी उदयन बेहार के नेतृत्व में टीम रोहित के घर गई. इस दौरान पुलिस को पत्रकार रोहित घर पर नहीं मिले. उनके घर के दरवाजे के बाहर ताला लगा हुआ था. रायपुर पुलिस अब आरोपी पत्रकार के खिलाफ फरारी पंचनामा तैयार कर रही है. पंचनामा तैयार होने के बाद उनकी तलाश तेज कर दी जाएगी. इसके एक दिन पहले मंगलवार को रायपुर पुलिस पत्रकार रोहित के निवास पहुंची थी, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार करने से रोक दिया. इस बीच रायपुर पुलिस और नोएडा पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई थी.

यह भी पढ़ें: पत्रकार रोहित रंजन को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज चलाने का आरोप

पत्रकार के दफ्तर जाएगी पुलिस: रायपुर पुलिस का आरोप है कि आरोपी रोहित को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार नहीं करने दिया. पुलिस कुछ समझ पाती इससे पहले दूसरे मामले में नोएडा पुलिस पत्रकार को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई. इसके बाद रायपुर पुलिस थानों के चक्कर काटती रही, लेकिन उन्हें गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने सहयोग नहीं किया. इतना ही नहीं नोएडा पुलिस ने पत्रकार को जमानत पर रिहा कर दिया. पत्रकार की डिटेल लेने के लिए अब रायपुर पुलिस उनके दफ्तर जाने की तैयारी में है. सीएसपी उदयन बेहार ने फोन पर बताया कि "पत्रकार के दफ्तर में जाकर उसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. यह भी पता किया जाएगा कि उसकी नियुक्ति कैसे हुई. किस सोर्स से विवादित खबर को प्रसारित किया गया. इसके साथ ही उसकी पृष्ठ भूमि के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटाएगी."

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रोहित : इधर राहुल गांधी के भाषण के कथित छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ रोहित रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. रोहित की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.

क्या है पूरा मामला: भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने लिखित शिकायत पत्रकार रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज कराई है. विधायक की शिकायत के बाद 3 जुलाई को सिविल लाइन थाने में पत्रकार रोहित के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. पत्रकार रोहित के खिलाफ आरोप है कि उदयपुर वाली घटना को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना को मनगढ़ंत तरीके से एडिट करके राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खंडित कर देश में आतंकवाद फैलाने के उद्देश्य से प्रसारित किया गया है. जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और आम नागरिकों में भारी आक्रोश और तनाव व्याप्त है. दो समुदाय के बीच घृणा और वैमनस्यता की भावना पैदा होकर सांप्रदायिक तनाव और लोकतंत्र को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस विधायक की इस शिकायत के बाद पुलिस ने एंकर के खिलाफ धारा 153 (क), 295 (क) 504, 505 (1) (ख) (ग), 505(2 )120(b), 467, 469, 471 के तहत केस दर्ज किया है.

यूपी पुलिस के रवैए पर सीएम बघेल ने उठाए सवाल: रोहित रंजन को गिरफ्तार करने गई छत्तीसगढ़ पुलिस को यूपी पुलिस ने रोका है. इस मामले पर दिल्ली से रायपुर तक सियासी घमासान चल रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर यूपी पुलिस के रवैए को लेकर सवाल खड़े किए हैं. सीएम ने कहा, "कि कोर्ट के आदेश से वहां गिरफ्तारी करने छत्तीसगढ़ पुलिस गई थी. सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस आरोपी को बचाने का काम कर रही है. यह दुर्भाग्य की बात है. हमारे पास कोर्ट का आदेश था. यूपी पुलिस के पास कुछ नहीं था"

रायपुर: छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस आज फिर पत्रकार रोहित रंजन के गाजियाबाद स्थित निवास पहुंची. सुबह करीब 9 बजे सीएसपी उदयन बेहार के नेतृत्व में टीम रोहित के घर गई. इस दौरान पुलिस को पत्रकार रोहित घर पर नहीं मिले. उनके घर के दरवाजे के बाहर ताला लगा हुआ था. रायपुर पुलिस अब आरोपी पत्रकार के खिलाफ फरारी पंचनामा तैयार कर रही है. पंचनामा तैयार होने के बाद उनकी तलाश तेज कर दी जाएगी. इसके एक दिन पहले मंगलवार को रायपुर पुलिस पत्रकार रोहित के निवास पहुंची थी, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार करने से रोक दिया. इस बीच रायपुर पुलिस और नोएडा पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई थी.

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पत्रकार के दफ्तर जाएगी पुलिस: रायपुर पुलिस का आरोप है कि आरोपी रोहित को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार नहीं करने दिया. पुलिस कुछ समझ पाती इससे पहले दूसरे मामले में नोएडा पुलिस पत्रकार को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई. इसके बाद रायपुर पुलिस थानों के चक्कर काटती रही, लेकिन उन्हें गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने सहयोग नहीं किया. इतना ही नहीं नोएडा पुलिस ने पत्रकार को जमानत पर रिहा कर दिया. पत्रकार की डिटेल लेने के लिए अब रायपुर पुलिस उनके दफ्तर जाने की तैयारी में है. सीएसपी उदयन बेहार ने फोन पर बताया कि "पत्रकार के दफ्तर में जाकर उसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. यह भी पता किया जाएगा कि उसकी नियुक्ति कैसे हुई. किस सोर्स से विवादित खबर को प्रसारित किया गया. इसके साथ ही उसकी पृष्ठ भूमि के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटाएगी."

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रोहित : इधर राहुल गांधी के भाषण के कथित छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ रोहित रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. रोहित की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.

क्या है पूरा मामला: भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने लिखित शिकायत पत्रकार रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज कराई है. विधायक की शिकायत के बाद 3 जुलाई को सिविल लाइन थाने में पत्रकार रोहित के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. पत्रकार रोहित के खिलाफ आरोप है कि उदयपुर वाली घटना को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना को मनगढ़ंत तरीके से एडिट करके राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खंडित कर देश में आतंकवाद फैलाने के उद्देश्य से प्रसारित किया गया है. जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और आम नागरिकों में भारी आक्रोश और तनाव व्याप्त है. दो समुदाय के बीच घृणा और वैमनस्यता की भावना पैदा होकर सांप्रदायिक तनाव और लोकतंत्र को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस विधायक की इस शिकायत के बाद पुलिस ने एंकर के खिलाफ धारा 153 (क), 295 (क) 504, 505 (1) (ख) (ग), 505(2 )120(b), 467, 469, 471 के तहत केस दर्ज किया है.

यूपी पुलिस के रवैए पर सीएम बघेल ने उठाए सवाल: रोहित रंजन को गिरफ्तार करने गई छत्तीसगढ़ पुलिस को यूपी पुलिस ने रोका है. इस मामले पर दिल्ली से रायपुर तक सियासी घमासान चल रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर यूपी पुलिस के रवैए को लेकर सवाल खड़े किए हैं. सीएम ने कहा, "कि कोर्ट के आदेश से वहां गिरफ्तारी करने छत्तीसगढ़ पुलिस गई थी. सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस आरोपी को बचाने का काम कर रही है. यह दुर्भाग्य की बात है. हमारे पास कोर्ट का आदेश था. यूपी पुलिस के पास कुछ नहीं था"

Last Updated : Jul 6, 2022, 3:40 PM IST
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