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भारत जोड़ो यात्रा चौथा दिन: कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से शुरू हुई यात्रा, आज केरल पहुंचने की संभावना - प्रियंका गांधी न्यूज़

शुक्रवार को करीब 17 किलोमीटर की पदयात्रा करने के बाद शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा के चौथे दिन राहुल गांधी की पदयात्रा कन्याकुमारी जिले से शुरू हो चुकी है. कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के चौथे दिन कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से फिर से शुरू किया.

Rahul gandhi
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Published : Sep 10, 2022, 9:34 AM IST

Updated : Sep 10, 2022, 9:44 AM IST

कन्याकुमारी (तमिलनाडु): भारत जोड़ो यात्रा के चौथे दिन राहुल गांधी की पदयात्रा कन्याकुमारी जिले से शुरू हो चुकी है. कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के चौथे दिन कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से फिर से शुरू किया. इसके आज शाम तक केरल में प्रवेश करने की संभावना है. इससे पहले राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के तहत शुक्रवार को करीब 17 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने तीन दिनों की पदयात्रा में करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय की. कांग्रेस नेता कन्याकुमारी जिले में किसानों, स्वच्छता कर्मियों, आदिवासी कार्यकर्ताओं, यूट्यूबर्स के साथ चले और पंचायत नेताओं के साथ बातचीत भी की.

कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने के सवाल पर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह इस संबंध में स्पष्ट फैसला कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने अपने इस फैसले का खुलासा नहीं किया. उनके इस बयान के बाद इस सवाल को लेकर अनिश्चितता बरकरार है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन बनेगा? साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इसके कारणों के बारे में बताएंगे.

पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के कुछ दिनों बाद दिए गए राहुल गांधी के इस बयान को पार्टी में कई लोग ऐसे संकेत के तौर पर देख रहे हैं कि वह अध्यक्ष नहीं बनने के अपने पहले के फैसले पर अडिग हैं. उनके इस बयान के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर अनिश्चितता गहरा गई है. राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के तहत शुक्रवार को करीब 17 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने दो दिनों की पदयात्रा में करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय की. कांग्रेस नेता कन्याकुमारी जिले में किसानों, स्वच्छता कर्मियों, आदिवासी कार्यकर्ताओं, यूट्यूबर्स के साथ चले और पंचायत नेताओं के साथ बातचीत भी की.

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि यह यात्रा एक अलग कवायद है, लेकिन इससे विपक्षी एकजुटता में मदद मिलेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी अध्यक्ष का पद संभालेंगे तो राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं बनूंगा, चुनाव होने पर स्पष्ट हो जाएगा. तब तक इंतजार करिये. अगर मैं चुनाव में खड़ा नहीं हुआ तो मुझसे पूछिएगा, मैं आपके सवाल का जवाब दूंगा. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि मैं अपना फैसला (अध्यक्ष पद को लेकर) स्पष्ट रूप से कर चुका हूं कि मैं क्या करने का जा रहा हूं.

पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा का तीसरा दिन: कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर राहुल ने दिया यह जवाब

राहुल गांधी ने ऐसे समय यह बयान दिया है जब कुछ दिनों पहले ही अध्यक्ष पद के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन दाखिल किया जाएगा और एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी इस यात्रा से विपक्षी एकजुटता को बल मिलेगा, तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस यात्रा से विपक्ष को साथ लाने में मदद मिलेगी, लेकिन यह यात्रा एक अलग कवायद है.

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि यह विपक्षी दलों की जिम्मेदारी है कि वे साथ आएं. राहुल गांधी ने कहा कि हर राजनीतिक दल की भूमिका है. सिर्फ कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी नहीं है. इसमें हर पार्टी की भूमिका है और इसको लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने दावा किया कि देश धर्म के आधार पर और राज्यों के आधार पर बंट गया है, महंगाई और बेरोजगारी है, यह सब बातें सद्भावना के प्रतिकूल हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि पदयात्रा यह समझने की कोशिश है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है और साथ ही यह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई की कोशिश है.

राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के लिए भाजपा और आरएसएस के अपने मत हो सकते हैं, लेकिन उनकी विचारधारा ने देश का जो नुकसान किया है, देश में जिस प्रकार नफरत फैलाई है, हमारी यह यात्रा उसके खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं अब भाजपा के नियंत्रण में हैं और उनका विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश देने के सवाल पर कहा कि मेरे पास कोई संदेश नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकारी संस्थानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो)और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. आज हालात यह हैं कि हम सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ रहे, पूरी राज्य व्यवस्था से लड़ रहे हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ का नाम बदले जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जिनके पास भविष्य को लेकर कोई नजरिया नहीं होता वो गड़े मुर्दे उखाड़ते रहते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि अतीत में झांकने से नहीं, वर्तमान में कदम उठाने से देश बचेगा. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार में दृष्टिकोण का दिवालियापन है. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह कांग्रेस के सदस्य के रूप में और पार्टी विचारधारा में विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में इस यात्रा का हिस्सा बने हैं. वह इस यात्रा का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं.

पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को 'भारत यात्री' नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.

कन्याकुमारी (तमिलनाडु): भारत जोड़ो यात्रा के चौथे दिन राहुल गांधी की पदयात्रा कन्याकुमारी जिले से शुरू हो चुकी है. कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के चौथे दिन कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से फिर से शुरू किया. इसके आज शाम तक केरल में प्रवेश करने की संभावना है. इससे पहले राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के तहत शुक्रवार को करीब 17 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने तीन दिनों की पदयात्रा में करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय की. कांग्रेस नेता कन्याकुमारी जिले में किसानों, स्वच्छता कर्मियों, आदिवासी कार्यकर्ताओं, यूट्यूबर्स के साथ चले और पंचायत नेताओं के साथ बातचीत भी की.

कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने के सवाल पर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह इस संबंध में स्पष्ट फैसला कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने अपने इस फैसले का खुलासा नहीं किया. उनके इस बयान के बाद इस सवाल को लेकर अनिश्चितता बरकरार है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन बनेगा? साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इसके कारणों के बारे में बताएंगे.

पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के कुछ दिनों बाद दिए गए राहुल गांधी के इस बयान को पार्टी में कई लोग ऐसे संकेत के तौर पर देख रहे हैं कि वह अध्यक्ष नहीं बनने के अपने पहले के फैसले पर अडिग हैं. उनके इस बयान के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर अनिश्चितता गहरा गई है. राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के तहत शुक्रवार को करीब 17 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने दो दिनों की पदयात्रा में करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय की. कांग्रेस नेता कन्याकुमारी जिले में किसानों, स्वच्छता कर्मियों, आदिवासी कार्यकर्ताओं, यूट्यूबर्स के साथ चले और पंचायत नेताओं के साथ बातचीत भी की.

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि यह यात्रा एक अलग कवायद है, लेकिन इससे विपक्षी एकजुटता में मदद मिलेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी अध्यक्ष का पद संभालेंगे तो राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं बनूंगा, चुनाव होने पर स्पष्ट हो जाएगा. तब तक इंतजार करिये. अगर मैं चुनाव में खड़ा नहीं हुआ तो मुझसे पूछिएगा, मैं आपके सवाल का जवाब दूंगा. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि मैं अपना फैसला (अध्यक्ष पद को लेकर) स्पष्ट रूप से कर चुका हूं कि मैं क्या करने का जा रहा हूं.

पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा का तीसरा दिन: कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर राहुल ने दिया यह जवाब

राहुल गांधी ने ऐसे समय यह बयान दिया है जब कुछ दिनों पहले ही अध्यक्ष पद के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन दाखिल किया जाएगा और एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी इस यात्रा से विपक्षी एकजुटता को बल मिलेगा, तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस यात्रा से विपक्ष को साथ लाने में मदद मिलेगी, लेकिन यह यात्रा एक अलग कवायद है.

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि यह विपक्षी दलों की जिम्मेदारी है कि वे साथ आएं. राहुल गांधी ने कहा कि हर राजनीतिक दल की भूमिका है. सिर्फ कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी नहीं है. इसमें हर पार्टी की भूमिका है और इसको लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने दावा किया कि देश धर्म के आधार पर और राज्यों के आधार पर बंट गया है, महंगाई और बेरोजगारी है, यह सब बातें सद्भावना के प्रतिकूल हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि पदयात्रा यह समझने की कोशिश है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है और साथ ही यह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई की कोशिश है.

राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के लिए भाजपा और आरएसएस के अपने मत हो सकते हैं, लेकिन उनकी विचारधारा ने देश का जो नुकसान किया है, देश में जिस प्रकार नफरत फैलाई है, हमारी यह यात्रा उसके खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं अब भाजपा के नियंत्रण में हैं और उनका विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश देने के सवाल पर कहा कि मेरे पास कोई संदेश नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकारी संस्थानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो)और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. आज हालात यह हैं कि हम सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ रहे, पूरी राज्य व्यवस्था से लड़ रहे हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ का नाम बदले जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जिनके पास भविष्य को लेकर कोई नजरिया नहीं होता वो गड़े मुर्दे उखाड़ते रहते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि अतीत में झांकने से नहीं, वर्तमान में कदम उठाने से देश बचेगा. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार में दृष्टिकोण का दिवालियापन है. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह कांग्रेस के सदस्य के रूप में और पार्टी विचारधारा में विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में इस यात्रा का हिस्सा बने हैं. वह इस यात्रा का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं.

पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को 'भारत यात्री' नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.

Last Updated : Sep 10, 2022, 9:44 AM IST
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