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जीवाश्म ईंधन की होड़ ने भू-राजनीतिक तनाव पैदा किया : पीएम मोदी

COP26 लीडर्स इवेंट 'एक्सेलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डेवलपमेंट' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्रीन ग्रिड की उनकी कई सालों पुरानी परिकल्पना को आज अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और यूके के ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव से एक ठोस रूप मिला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Nov 2, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 10:55 PM IST

ग्लासगो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर चीज के सूर्य से उत्पन्न होने पर जोर देते हुए मंगलवार को सौर ऊर्जा की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' का आह्वान किया. साथ ही, उन्होंने यह घोषणा की कि भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जल्द ही विश्व को एक कैलकुलेटर उपलब्ध कराएगी, जो पूरे विश्व में किसी भी क्षेत्र में सौर ऊर्जा की उपलब्धता को माप सकता है.

जलवायु शिखर सम्मेलन से इतर 'स्वच्छ प्रौद्योगिकी नवोन्मेष बढ़ाने व उसकी तैनाती' कार्यक्रम में यहां विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर कई देश औद्योगिक क्रांति के दौरान अमीर हो गये, लेकिन इसने पृथ्वी और पर्यावरण को बदहाल कर दिया.

उन्होंने कहा, 'औद्योगिक क्रांति जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर हुई. कई देश जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर संपन्न हो गये, लेकिन इसने पृथ्वी और पर्यावरण को बदहाल कर दिया. जीवाश्म ईंधन के लिए होड़ ने भू-राजनीतिक तनाव भी पैदा किया. हालांकि, आज प्रौद्योगिकी ने हमें एक बेहतर विकल्प दिया है.'

अपने संबोधन के दौरान मोदी ने सूर्योपनिषद का उल्लेख करते हुए कहा कि हर चीज सूर्य से उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि सूर्य ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है और सौर ऊर्जा हर किसी का भरण-पोषण कर सकती है.

उन्होंने कहा, जब से धरती पर जीवन है, सभी जीवों का जीवन चक्र, प्रतिदिन की दिनचर्या सूर्योदय और सूर्यास्त से जुड़ा हुआ है.

मोदी ने कहा कि जब तक प्रकृति के साथ इस संबंध को कायम रखा जाएगा, धरती सुरक्षित और स्वस्थ रहेगी.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, आधुनिक युग में और आगे निकलने की होड़ में मानव ने प्रकृति के साथ संतुलन को बाधित किया है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है. यदि हम प्रकृति के साथ जीवन के संतुलन को बहाल करना चाहते हैं तो जीवन का पथ सिर्फ हमारा सूर्य रोशन करेगा. मानव के भविष्य की सुरक्षा के लिए हमें सूर्य के साथ चलना होगा.'

वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का आह्वान

'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' (वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड) का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि यह सिर्फ दिन में उपलब्ध सौर ऊर्जा की चुनौती से निपटने का समाधान है. उन्होंने कहा, 'विश्वव्यापी ग्रिड हमें हर जगह हर समय स्वच्छ ऊर्जा मुहैया कराएगा. यह विद्युत के भंडारण की जरूरत को कम करेगा और सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता को बढ़ाएगा. यह न सिर्फ कार्बन फुटप्रिंट को व ऊर्जा पर आने वाली लागत को घटाएगा बल्कि विभिन्न क्षेत्रों एवं विभिन्न देशेां के बीच सहयोग के नये आयाम भी खोलेगा.'

यह भी पढ़ें- जब इजराइल के पीएम ने मोदी से कहा, क्यों नहीं मेरी पार्टी ज्वाइन कर लेते ?

कार्यक्रम के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह उन नेताओं में शामिल हैं जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों को बखूबी समझते हैं.

(पीटीआई)

ग्लासगो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर चीज के सूर्य से उत्पन्न होने पर जोर देते हुए मंगलवार को सौर ऊर्जा की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' का आह्वान किया. साथ ही, उन्होंने यह घोषणा की कि भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जल्द ही विश्व को एक कैलकुलेटर उपलब्ध कराएगी, जो पूरे विश्व में किसी भी क्षेत्र में सौर ऊर्जा की उपलब्धता को माप सकता है.

जलवायु शिखर सम्मेलन से इतर 'स्वच्छ प्रौद्योगिकी नवोन्मेष बढ़ाने व उसकी तैनाती' कार्यक्रम में यहां विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर कई देश औद्योगिक क्रांति के दौरान अमीर हो गये, लेकिन इसने पृथ्वी और पर्यावरण को बदहाल कर दिया.

उन्होंने कहा, 'औद्योगिक क्रांति जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर हुई. कई देश जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर संपन्न हो गये, लेकिन इसने पृथ्वी और पर्यावरण को बदहाल कर दिया. जीवाश्म ईंधन के लिए होड़ ने भू-राजनीतिक तनाव भी पैदा किया. हालांकि, आज प्रौद्योगिकी ने हमें एक बेहतर विकल्प दिया है.'

अपने संबोधन के दौरान मोदी ने सूर्योपनिषद का उल्लेख करते हुए कहा कि हर चीज सूर्य से उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि सूर्य ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है और सौर ऊर्जा हर किसी का भरण-पोषण कर सकती है.

उन्होंने कहा, जब से धरती पर जीवन है, सभी जीवों का जीवन चक्र, प्रतिदिन की दिनचर्या सूर्योदय और सूर्यास्त से जुड़ा हुआ है.

मोदी ने कहा कि जब तक प्रकृति के साथ इस संबंध को कायम रखा जाएगा, धरती सुरक्षित और स्वस्थ रहेगी.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, आधुनिक युग में और आगे निकलने की होड़ में मानव ने प्रकृति के साथ संतुलन को बाधित किया है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है. यदि हम प्रकृति के साथ जीवन के संतुलन को बहाल करना चाहते हैं तो जीवन का पथ सिर्फ हमारा सूर्य रोशन करेगा. मानव के भविष्य की सुरक्षा के लिए हमें सूर्य के साथ चलना होगा.'

वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का आह्वान

'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' (वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड) का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि यह सिर्फ दिन में उपलब्ध सौर ऊर्जा की चुनौती से निपटने का समाधान है. उन्होंने कहा, 'विश्वव्यापी ग्रिड हमें हर जगह हर समय स्वच्छ ऊर्जा मुहैया कराएगा. यह विद्युत के भंडारण की जरूरत को कम करेगा और सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता को बढ़ाएगा. यह न सिर्फ कार्बन फुटप्रिंट को व ऊर्जा पर आने वाली लागत को घटाएगा बल्कि विभिन्न क्षेत्रों एवं विभिन्न देशेां के बीच सहयोग के नये आयाम भी खोलेगा.'

यह भी पढ़ें- जब इजराइल के पीएम ने मोदी से कहा, क्यों नहीं मेरी पार्टी ज्वाइन कर लेते ?

कार्यक्रम के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह उन नेताओं में शामिल हैं जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों को बखूबी समझते हैं.

(पीटीआई)

Last Updated : Nov 2, 2021, 10:55 PM IST
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