लंदन : क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को दफनाने की प्रक्रिया के दौरान उनका ताबूत विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतार दिया गया. इसके बाद किंग चार्ल्स तृतीय और कैमिला, क्वीन कंसोर्ट कमिटल सर्विस के बाद चैपल से बाहर आ गए. वे जाने से पहले डीन और सेवा में शामिल अन्य लोगों को धन्यवाद देने के लिए रुके. यह ताबूत को रॉयल वॉल्ट में उतारने के साथ ही दफनाने की प्रक्रिया समाप्त हो गई. एक निजी पारिवारिक सेवा में, महारानी को उनके दिवंगत पति, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के साथ, सेंट जॉर्ज चैपल के अंदर स्थित किंग जॉर्ज VI मेमोरियल चैपल में दफनाया गया. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत लंदन से विंडसर पहुंचने के बाद रथ लॉन्ग वॉक से विंडसर कैसल तक एक जुलूस में शामिल हुआ. कमिटमेंट सेवा के लिए सेंट जॉर्ज चैपल में जाने से पहले इसमें किंग चार्ल्स तृतीय और शाही परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए.
उससे पहले महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत (Queen Elizabeth II state funeral) फ्यूनरल सर्विस के बाद वेस्टमिंस्टर एब्बे से बाहर ले जाया गया. किंग चार्ल्स तृतीय और रानी कंसोर्ट, कैमिला ने रानी के ताबूत के पीछे शाही परिवार का नेतृत्व किया. ताबूत अब एब्बे से निकलकर लंदन के वेलिंगटन आर्क की ओर बढ़ा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार संपन्न होने के बाद दिवंगत सम्राट के ताबूत को वेस्टमिंस्टर एब्बे से निकाला गया. ये लंदन से होते हुए वेलिंगटन आर्क तक ले जाया गया, जहां से महारानी को दफनाने के लिए विंडसर की ओर ले जाया गया.
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#WATCH | London, The UK: The Committal Service for Queen Elizabeth II begins at St George's Chapel in Windsor Castle. It will end with the coffin being lowered into the Royal Vault.
— ANI (@ANI) September 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(Source: Reuters) pic.twitter.com/O4G32d9pPC
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गौरतलब है कि महारानी की फ्यूनरल सर्विस की समाप्ति वेस्टमिंस्टर एबे के अंदर ब्रिटिश राष्ट्रगान, "गॉड सेव द किंग" के साथ हुआ था. मौके पर दो मिनट का राष्ट्रीय मौन रखा गया, जो वेस्टमिंस्टर एबे और पूरा ब्रिटेन शामिल हुआ. कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी, द लॉर्ड्स माई शेफर्ड, धर्मोपदेश दिया. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं को ही इतना प्यार मिला है जितना रानी को मिला. फ्यूनरल सर्विस के दौरान वेस्टमिंस्टर के डीन डेविड हॉयल अंतिम संस्कार का नेतृत्व कर रहे थे. यॉर्क के आर्कबिशप, वेस्टमिंस्टर के कार्डिनल आर्कबिशप, चर्च ऑफ स्कॉटलैंड की महासभा के मॉडरेटर और फ्री चर्च मॉडरेटर की ओर से प्रार्थना की गई. उससे पहले उनके पार्थिव शरीर वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचने के बाद महारानी के ताबूत को स्टेट गन कैरिज की ओर से उठाकर अंदर ले जाया गया. ताबूत के भवन में प्रवेश करते ही अभय 2,000 शोक मनाने वालों से भर गया.
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#WATCH | The State funeral service for Queen Elizabeth II begins at Westminster Abbey in London with the Royal family members and world leaders in attendance
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(Source: Reuters) pic.twitter.com/agsllmfdHa
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ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने लंदन पहुंचे हैं. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी महारानी के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शनिवार को लंदन पहुंचीं हैं.
बता दें कि महारानी का 96 साल की उम्र में स्कॉटलैंड के बाल्मोरल एस्टेट में निधन हो गया. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के आठ सितंबर को निधन के बाद शव रखे जाने से लेकर श्रद्धांजलि तक सभी राजकीय समारोहों में सख्त शाही प्रोटोकॉल का पालन किया गया है. सोमवार को महारानी के अंतिम संस्कार के वक्त शाही परिवार का 'ड्रेस कोड' भी पहले से निर्धारित परंपरा के अनुसार ही देखा गया.
शाही परिवार के सदस्य परंपरा अनुसार पोशाक में आए नजर
महाराजा चार्ल्स तृतीय पूरे दिन मेडल के साथ औपचारिक वर्दी पहनें दिखे. वहीं, उनके हाथों में लाल मखमल और सोने के फील्ड मार्शल बैटन है, जिसे महारानी ने 2012 में उन्हें प्रदान किया था, जब चार्ल्स को यह पदवी मिली थी. 'बकिंघम पैलेस' के अनुसार, शाही परिवार के सेवारत सदस्यों के रूप में महारानी के तीन बच्चे महाराजा चार्ल्स, प्रिंस एडवर्ड और प्रिंसेस ऐनी सभी सैन्य वर्दी पहने और पदक धारण किये हुए हैं. महारानी के पोते प्रिंस विलियम भी सैन्य वर्दी में हैं.
महिलाएं काले कपड़े पहनकर और टोपी लगाकर आई हुई हैं जबकि पुरुष काले कोट पहने हुए हैं. शाही परिवार के सेवारत सदस्य पारंपरिक रूप से सैन्य वर्दी पहनते हैं, जबकि गैर-सेवारत पुरुष कोट पहनते हैं, जैसा कि पिछले साल महारानी के पति प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में देखा गया था.