नई दिल्ली : कतर की एक अदालत ने पिछले महीने एक अदालत की ओर से आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के संबंध में भारत सरकार की ओर से दायर अपील को गुरुवार को स्वीकार कर लिया. सूत्रों के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वे अपील का अध्ययन कर रहे हैं. अगली सुनवाई जल्द ही होने की उम्मीद है.
अक्टूबर में, कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को देश में एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद मौत की सजा सुनाई. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (23 नवंबर) को कहा कि फैसला गोपनीय है. प्रथम दृष्टया अदालत ने फैसला सुनाया, जिसे हमारी कानूनी टीम के साथ साझा किया गया. सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए अपील दायर की गई है. हम कतरी अधिकारियों के संपर्क में हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले पर कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है. सरकार पूर्व नौसेना कर्मियों को सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता देना जारी रखेगी. अगस्त 2022 में, कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को इजरायल के लिए जासूस के रूप में काम करने के संदेह में हिरासत में लिया, जबकि वे मध्य पूर्वी देश में स्थित एक कंपनी में कार्यरत थे.
पूर्व अधिकारियों - कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश को कतर खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त 2022 को दोहा से गिरफ्तार किया था. नौसेना के दिग्गजों की जमानत याचिकाएं कतर अधिकारियों की ओर से कई बार खारिज कर दी गईं. इस साल अक्टूबर में कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा की घोषणा की थी.