नई दिल्ली: कोविड-19 वायरस के बीएफ.7 वैरिएंट के प्रकोप को भांपते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग से आने वाले सभी यात्रियों के अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण (RT-PCR testing) के साथ-साथ क्वारंटीन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए कहा है. नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शनिवार से इसकी शुरुआत भी हो गई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वित्त सचिव अनिल गोयल ने ईटीवी भारत से कहा, 'चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले सभी यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण शुरू करना अच्छा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे संक्रमित हैं या नहीं. पिछली बार हमने देखा है जब कुछ देश भारत में Covid19 वायरस के नए संस्करण का वाहक बने.'
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Random sampling of international arrivals for Covid19 and thermal scanning being done at Rajiv Gandhi International Airport at Hyderabad pic.twitter.com/lnDzJVEpDt
— ANI (@ANI) December 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच के बाद यात्रियों को उनके गंतव्य तक जाने दिया जाएगा. गोयल ने कहा, 'जैसा कि परिणाम के लिए न्यूनतम 24 घंटे लगते हैं, विशेष यात्री, यदि सकारात्मक पाया जाता है, तो उससे फिर से संपर्क किया जाएगा.'
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों को अपनी क्वारंटाइन सुविधाएं स्थापित करने के लिए कहा गया है.
सूत्रों ने कहा कि 'एक कोविड पॉजिटिव को होम क्वारंटाइन से सरकारी सुविधा केंद्र में शिफ्ट करना, उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है. और यदि किसी यात्री में लक्षण पाए जाते हैं तो उसे स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा.' सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय एक या दो दिन में क्वारंटाइन प्रक्रिया के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.
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Tamil Nadu | From today we've started random screening of passengers coming from abroad. Those who will test positive will be asked to self-monitor or self-quarantine themselves. People should wear masks & follow Covid protocols: Arjun Kumar, Deputy Director, Madurai Health Dept pic.twitter.com/GLMAFtgrGO
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इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आगमन पर, यदि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड जैसे देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण या परीक्षण सकारात्मक पाए जाते हैं, तो उसे क्वारंटीन में रखा जाएगा.
वास्तव में गुरुवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को उनके आगमन पर स्क्रीनिंग के दौरान रोगसूचक पाए जाने पर तुरंत अलग कर दिया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार निर्दिष्ट चिकित्सा सुविधा में ले जाया जाएगा.
एक बार यात्रियों का नमूना सकारात्मक पाए जाने पर उसे आगे INSACOG प्रयोगशाला नेटवर्क में जीनोमिक परीक्षण के लिए भेजा जाना चाहिए. दिशानिर्देशों के अनुसार विदेशी से उड़ान आने पर करीब 2 प्रतिशत यात्रियों की रेंडम जांच की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है, आगमन के बाद सभी यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी चाहिए. किसी तरह के लक्षण दिखने पर अपने निकटतम स्वास्थ्य सुविधा को रिपोर्ट करना चाहिए या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (1075) या राज्य हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें. इससे पहले लगभग सभी सरकारी अस्पतालों और यहां तक कि कई होटलों ने अलग-अलग क्वारंटाइन जोन बनाए थे.
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन और अन्य बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है.
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ.मनोहर अगनानी की ओर से भेजे गए पत्र में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि पीएसए संयंत्रों को पूरी तरह कार्यात्मक रखा जाए और नियमित मॉक ड्रिल आयोजित की जाए.
पत्र में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की उपलब्धता, बैकअप स्टॉक के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त सूची, वेंटिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता, ऑक्सीजन कंट्रोलर रूम की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.
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