चंडीगढ़ : विजिलेंस ब्यूरो ने गुरुवार को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) आशीष कपूर (Ashish Kapoor) को गिरफ्तार किया है. वह वर्तमान में पठानकोट में आईआरबी चतुर्थ के कमांडेंट पद पर कार्यरत हैं. उन पर एक करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले में डीएसपी इंटेलिजेंस पवन कुमार और एएसआई हरजिंदर सिंह को भी आरोपी बनाया गया है.
विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में ब्यूरो ने आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 7, 7-ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 420, 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है. उन्होंने बताया कि 2016 में सेंट्रल जेल, अमृतसर में सुपरिटेंडेंट जेल के रूप में पदस्थापन के दौरान उनकी मुलाकात हरियाणा के कुरुक्षेत्र सेक्टर 30 की रहने वाली महिला पूनम राजन से हुई थी. पूनमकिसी मामले में जेल में न्यायिक रिमांड पर थी.
पूनम राजन अपनी मां प्रेम लता, भाई कुलदीप सिंह और भाभी प्रीति के साथ थाना जीरकपुर में आईपीसी की धारा 420/120-बी के तहत दर्ज प्राथमिकी संख्या 151/2018 में पुलिस रिमांड में थी. आरोप है कि आशीष कपूर थाने गए और धोखे से पूनम राजन की मां प्रेम लता को कोर्ट से जमानत दिलाने और बरी करने में मदद करने के लिए राजी किया.
विजिलेंस ब्यूरो ने खुलासा किया कि इसके बाद आशीष कपूर ने थाना जीरकपुर के तत्कालीन एसएचओ पवन कुमार और एएसआई हरजिंदर सिंह के साथ मिलकर पूनम राजन की भाभी प्रीति को निर्दोष घोषित कर दिया.
उस एहसान के बदले में आशीष कपूर को प्रेम लता के हस्ताक्षर वाले कई चेक मिले, जिनकी कुल राशि एक करोड़ रुपये है. ये चेक उन्होंने अपने परिचतों के नाम पर जमा कर दिए. बाद में एएसआई हरजिंदर सिंह के माध्यम से भुनाया. प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा करके आरोपी आशीष कपूर, पवन कुमार और हरजिंदर सिंह ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की धारा 420, 120-बी के तहत अपराध किया है और उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया है.
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