चंडीगढ़ : सुखबीर और सिद्धू के बीच जुबानी जंग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. सुखबीर सिंह बादल द्वारा नवजोत सिद्धू पर ये आरोप लगाए जाने कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की पूर्व डीजीपी के साथ मीटिंग होती थी इस पर सिद्धू ने कहा कि सुखबीर बादल झूठे इंसान हैं. सिद्धू ने कहा कि सुखबीर बादल को क्लीन चिट देने वाले डीजीपी के साथ मेरी मीटिंग साबित करें मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उन्हाेंने कहा कि सुखबीर सिंह को डर किसी और से लगता है.
उन्हाेंने कहा कि सिद्धू की कोई रेत की खड्ड नहीं है नाजायज़ बसें नहीं चलतीं. अपने करीबियों पर ईडी की रेड पड़ने से बौखलाए हैं सुखबीर बादल.
उन्हाेंने कहा कि सुखबीर बादल ने करप्शन में मास्टर की हुई है. पंजाब मॉडल ऊपर से मिली हिदायतों के तहत लागू किया जाएगा. सुखबीर बादल ने लोकतंन्त्र को भयतंत्र बनाया था.
कैप्टन और सुखबीर पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब में एक दूसरे को गालियां देते हैं. दिल्ली में फार्म हाउस में मीटिंग करते हैं. ब्लैंकेट बेल खत्म करने के लिए कोर्ट क्यों नहीं गयी पंजाब सरकार, सही बात पर पहले की कैबिनट में भी सवाल उठाता था अब भी उठाऊंगा.
आपकाे बता दें कि पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर राज्य में अपनी सरकार पर सवाल उठाया कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अग्रिम जमानत के विरुद्ध सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका क्यों नहीं दायर की. सिद्धू ने अपने पूर्ववर्ती सुनील जाखड़ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया.
इसके बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जाखड़ ने व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट कर इसका उत्तर दिया. पंजाब के फरीदकोट में 2015 में एक धार्मिक पुस्तक की बेअदबी का विरोध कर रहे लोगों पर गोली चलाने के एक मामले में सैनी आरोपी हैं. सिद्धू ने अमृतसर में संवाददाताओं से बातचीत में सरकार से पूछा कि बेअदबी के मामले में उसने क्या कदम उठाये. इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि मादक पदार्थ के मुद्दे पर एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
सिद्धू ने जाखड़ की आलोचना करते हुए कहा, मैं हमेशा याद दिलाता रहता हूं. इसमें मेरा क्या हित है. कल मैंने (मोगा में) मंच से यह कहा था. पूर्व अध्यक्ष ट्वीट करते रहते हैं लेकिन उन्होंने क्या कभी इन मुद्दों को उठाया. जाखड़ ने एक शेर से इसका जवाब दिया जिसका मतलब था कि “बुत” उन्हें “काफिर” कह रहा है. सिद्धू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था और यह समयसीमा बीत चुकी है.
उन्होंने पूछा कि सैनी को दी गई अग्रिम जमानत के विरुद्ध विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई. सिद्धू ने कहा, अगर आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई है तो जांच पूरी कैसे होगी. उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से सवाल किया, हर कोई जानना चाहता है कि सरकार का इरादा क्या है. अगर सैनी को अग्रिम जमानत मिल गई है तो क्या आपने एसएलपी दायर की? 10 सितंबर को उन्हें अग्रिम जमानत मिली थी ,क्या उसके विरुद्ध एसएलपी दायर की गई.
वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पूरे राज्य का “तमाशा” बनाकर रख दिया है.
भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने एक बयान में कहा, हमेशा से यह स्पष्ट नजर आता रहा है कि चन्नी और सिद्धू के बीच हितों के टकराव के चलते दोनों एकमत नहीं हैं लेकिन यह शर्मनाक है कि इस प्रक्रिया में उन्होंने पंजाब को गंदी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है.
चुघ ने कहा कि आम आदमी पार्टी और अकाली दल भी राज्य में यही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समझदारी वाले बयान देने और लोगों से वादे करने की बजाय वे गलत और निराधार वादे कर के पंजाब के लोगों का मजाक बना रहे हैं.
चुघ ने कहा कि जिस तरह चन्नी और सिद्धू काम कर रहे हैं उससे पता चलता है कि कांग्रेस आला कमान को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य को सियासी तमाशबीनों के हवाले कर दिया गया है.