चंडीगढ़: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने पंजाब से जुड़े 6 आतंकियों को भगोड़ा घोषित कर दिया है. इनमें अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला, हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, लखबीर सिंह रोडे और वाधवा सिंह बब्बर शामिल हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये सभी आतंकी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर काम करते हैं.
एनआईए ने दर्ज किया मामला: आपको बता दें कि एनआईए ने कार्रवाई करते हुए पिछले साल आतंकियों की सूची में शामिल और विदेश में बैठे इन सभी गैंगस्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि पंजाब के ये 6 गैंगस्टर आतंकी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहे थे. वहां पता चला कि वे पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी पहुंचा चुके हैं और युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर आतंकवाद को बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
विदेशों में छुपे हैं ये आतंकी: जानकारी के मुताबिक, ये 6 भगोड़े विदेशों में छिपे हुए हैं, जहां से ये भारत में ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं. आपको बता दें कि हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह रोडे और वाधवा सिंह बब्बर पाकिस्तान में छिपे हुए हैं. अर्शदीप दल्ला और अन्य लोग कनाडा और इंग्लैंड में छिपे हुए हैं. ये सभी भारत में प्रतिबंधित संगठनों खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हैं.
हरविंदर रिंदा का इतिहास: आतंकी हरविंदर रिंदा पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है. कुछ समय बाद रिंदा नांदेड़ महाराष्ट्र चला गया, उसे सितंबर 2011 में हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. कई आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद रिंदा फर्जी पासपोर्ट पर नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भाग गया. रिंदा प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य था.
पिछले साल मई में मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में उसका नाम आया था. मई 2022 में हरियाणा में एक गाड़ी से हथियार और विस्फोटक बरामद हुए थे. इसके पीछे भी रिंदा का हाथ बताया गया था. इसके साथ ही पंजाब के फरीदकोट में डेरा प्रेमी प्रदीप सिंह की हत्या के मामले में भी रिंदा का नाम सामने आया था. 2015 में बरगारी ईशनिंदा मामले के आरोपी प्रदीप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 शूटरों को पकड़ा था, जिन्होंने रिंदा का नाम लिया था. रिंदा का नाम सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस और मोहाली आरपीजी हमले में भी आया था. खुफिया एजेंसी के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, हरविंदर सिंह रिंदा की मौत किडनी फेल होने की वजह से हुई, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत हुई है या नहीं.