नई दिल्ली: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने राज्य के मंत्री लालचंद कटारूचक द्वारा किए गए कथित यौन दुर्व्यवहार के मामले में शुक्रवार को पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब किया. आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे पीड़ित को सुरक्षा मुहैया कराएं. अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले पीड़ित ने एनसीएससी को भेजे वीडियो संदेश और पत्र में आरोप लगाया है कि मंत्री ने उसे व उसके परिवार को धमकी दी है.
आयोग को भेजी गई चिट्ठी में पीड़ित ने कहा कि मैं फरार हूं और दिल्ली से शिकायत कर रहा हूं, क्योंकि मंत्री ने मुझे व मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है. मैं एनसीएससी से अनुरोध करता हूं कि वह यौन दुर्व्यवहार करने वाले मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करे और मुझे सुरक्षा मुहैया कराए. आयोग ने पत्र के हवाले से कहा कि कटारूचक ने कथित तौर पर पीड़ित को वर्ष 2013-14 में फेसबुक पर मित्रता का अनुरोध भेजा और जब उसने स्वीकार कर लिया तो कटारूचक ने कथित तौर पर इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि वह प्रभावशाली व्यक्ति थे और उन्होंने मुझे सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया, जिसकी वजह से मैं चुप रहा. मैं उस समय बहुत छोटा था, इसलिए कुछ समझा नहीं, लेकिन उनकी यौन ज्यादती वर्ष 2021 तक जारी रही. वह आखिरी बार वर्ष 2021 में दिवाली के समय मिले और न ही नौकरी दिलाई और उसके बाद न ही मुझसे मिले. उल्लेखनीय है कि हाल में कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मामले से जुड़ा एक वीडियो पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को सौंपा था.
एनसीएससी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच करने और तत्काल ईमेल या डाक के जरिये कार्रवाई रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है, साथ ही यह भी बताने को कहा है कि तथ्यों के आधार पर मामले या आरोप में क्या कार्रवाई की गई है. आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पीड़ित को सुरक्षा मुहैया कराएं.
पढ़ें: Punjab Lottery News: पंजाब में ढाई करोड़ की लॉटरी जीतने वाला शख्स चार दिन बाद आया सामने
एनसीएससी ने अधिकारियों को आगाह किया है कि अगर कार्रवाई रिपोर्ट नहीं सौंपी गई तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद-338 में तहत प्रदत्त दीवानी अदालत के अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है और अधिकारियों को दिल्ली में आयोग के समक्ष पेश होने के लिए समन भेज सकता है.
(पीटीआई-भाषा)