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दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब-हरियाणा सरकार जिम्मेदार : सिसोदिया

दिल्ली एनसीआर के लोग इस समय वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. इसके लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में जलाई जाने वाली पराली इसकी मुख्य वजह है.

मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया
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Published : Nov 16, 2021, 6:19 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को देहरादून पहुंचे आम आदमी पार्टी नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने व्यापारियों संग संवाद किया और प्रदेश में व्यापार की असीम संभावनाओं पर बात की. साथ ही सिसोदिया ने दिल्ली में भयावह प्रदूषण (Air Pollution) की स्थिति को लेकर हरियाणा और पंजाब को जिम्मेदार ठहराया.

जब मनीष सिसोदिया से पूछा गया कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड को उद्योग और इंडस्ट्री का हब बनाने का दावा कर रही, लेकिन दिल्ली में इंडस्ट्रीज के चलते राष्ट्रीय राजधानी की हवा जहरीली हो गई है, तो उन्होंने जवाब दिया कि दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए हरियाणा और पंजाब राज्य जिम्मेदार हैं.

मनीष सिसोदिया का बयान

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन के लिए सबसे बड़ा कारण पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली है. उन्होंने कहा कि केंद्र की एक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि दिल्ली में 36 फीसदी प्रदूषण पराली के धुएं की वजह से है. उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब की सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है और दोनों राज्यों का किसान इस वक्त सबसे ज्यादा पीड़ित है.

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली और आसपास के राज्य आज प्रदूषण की गिरफ्त में हैं. सिसोदिया ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों पर आरोप लगाया है कि इन सरकारों ने किसानों के लिए पराली की उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से आज पूरा उत्तर भारत इसका खामियाजा भुगत रहा है.

गौर हो कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली में मंगलवार सुबह रिकॉर्ड की गई एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जो 389 एक्यूआई दर्ज की गई. जबकि 400 के ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

ये भी पढ़ेंः पराली को लेकर बिना किसी तथ्यात्मक आधार के हल्ला मचाया जा रहा : सुप्रीम काेर्ट

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण की समस्या पर केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है और दोनों सरकारों को जल्द से जल्द प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि आपात बैठक बुलाएं और दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकारों को एक साथ बैठाकर प्रदूषण की समस्या का हल निकालें. साथ ही जवाब मांगा है कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है.

साथ ही कहा कि वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है. कोर्ट ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू करने पर भी विचार करने को कहा है. वहीं, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर प्रदूषण को रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को भी कहा है.

देहरादून : उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को देहरादून पहुंचे आम आदमी पार्टी नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने व्यापारियों संग संवाद किया और प्रदेश में व्यापार की असीम संभावनाओं पर बात की. साथ ही सिसोदिया ने दिल्ली में भयावह प्रदूषण (Air Pollution) की स्थिति को लेकर हरियाणा और पंजाब को जिम्मेदार ठहराया.

जब मनीष सिसोदिया से पूछा गया कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड को उद्योग और इंडस्ट्री का हब बनाने का दावा कर रही, लेकिन दिल्ली में इंडस्ट्रीज के चलते राष्ट्रीय राजधानी की हवा जहरीली हो गई है, तो उन्होंने जवाब दिया कि दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए हरियाणा और पंजाब राज्य जिम्मेदार हैं.

मनीष सिसोदिया का बयान

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन के लिए सबसे बड़ा कारण पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली है. उन्होंने कहा कि केंद्र की एक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि दिल्ली में 36 फीसदी प्रदूषण पराली के धुएं की वजह से है. उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब की सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है और दोनों राज्यों का किसान इस वक्त सबसे ज्यादा पीड़ित है.

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली और आसपास के राज्य आज प्रदूषण की गिरफ्त में हैं. सिसोदिया ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों पर आरोप लगाया है कि इन सरकारों ने किसानों के लिए पराली की उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से आज पूरा उत्तर भारत इसका खामियाजा भुगत रहा है.

गौर हो कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली में मंगलवार सुबह रिकॉर्ड की गई एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जो 389 एक्यूआई दर्ज की गई. जबकि 400 के ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण की समस्या पर केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है और दोनों सरकारों को जल्द से जल्द प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि आपात बैठक बुलाएं और दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकारों को एक साथ बैठाकर प्रदूषण की समस्या का हल निकालें. साथ ही जवाब मांगा है कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है.

साथ ही कहा कि वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है. कोर्ट ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू करने पर भी विचार करने को कहा है. वहीं, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर प्रदूषण को रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को भी कहा है.

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