नई दिल्ली : सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को पंजाब सरकार (Punjab Govt) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केंद्र के फैसले के मुताबिक, BSF को असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से पहले के 15 किलोमीटर की तुलना में 50 किलोमीटर के बड़े हिस्से में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार होगा.
वहीं, प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती (Challenge the decision to expansion of area authority of BSF) देने वाली अपनी याचिका में कहा कि BSF का क्षेत्रीय अधिकार बढ़ाना राज्यों के संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है.
पंजाब सरकार ने कहा कि यह प्रतिवेदित किया जाता है कि 11 अक्टूबर, 2021 की अधिसूचना संविधान के विपरीत है, क्योंकि यह भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-2 की प्रविष्टि 1 और 2 के उद्देश्य को निष्फल करती है और सार्वजनिक व्यवस्था एवं आंतरिक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक या संबंधित मुद्दों पर कानून बनाने के वादी के पूर्ण अधिकार का अतिक्रमण करती है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में 11 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें जुलाई, 2014 के प्रावधान में संशोधन किया गया था.
केंद्र ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया था, जबकि पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के दायरे को 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर किया गया था. वहीं, राजस्थान में इसमें कोई बदलाव किए बिना इसे 50 किलोमीटर ही रखा गया है.
इस मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा हो गया, क्योंकि विपक्ष शासित पंजाब और पश्चिम बंगाल ने इस कदम की निंदा की तथा संबंधित राज्य विधानसभाओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया.
(पीटीआई-भाषा)