चंडीगढ़ : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंजाब सरकार ने बुधवार को पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू का विस्तार करने की घोषणा की और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगाने का आदेश दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राजनीतिक आयोजनों पर रोक का जो भी उल्लंघन करेगा, भले ही वह नेता ही क्यों न हो, उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक आयोजनों पर रोक का आदेश जारी करने को बाध्य हो गए हैं क्योंकि राजनीतिक दलों से ऐसे आयोजन नहीं करने के उनके अनुरोधों की उपेक्षा की गई.
सिंह ने कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सुखबीर सिंह बादल समेत कुछ खास राजनीतिक नेता, जो सुरक्षा नियमों का पालन किए बगैर राजनीतिक रैलियों में भाग ले रहे थे, के आचरण से चकित हैं. ऐसे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार उन्हें शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा, यदि वरिष्ठ नेता इस तरह का व्यवहार करेंगे तो आप लोगों से बीमारी के प्रसार के बारे में गंभीर होने की कैसे उम्मीद कर सकते हैं?
मुख्यमंत्री ने कहा कि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक का रात्रिकालीन कर्फ्यू अब सभी 22 जिलों में लागू रहेगा. इसे अभी तक 12 जिलों में ही लगाया लगाया था. उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को नाइट कर्फ्यू का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
कोरोना को लेकर नई पाबंदियां
नई पाबंदियों के तहत बंद जगह में अंतिम संस्कार या शादियों में 50 तथा खुली जगह में ऐसे अवसरों में 100 अतिथियों की अनुमति होगी. सरकारी बयान के अनुसार कार्यालयों में सभी कर्मियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
नई पाबंदियों और पुरानी पाबंदियां 30 अप्रैल तक प्रभाव में रहेंगी. पुरानी पाबंदियों के तहत विद्यालय एवं शिक्षण संस्थान बंद किए गए थे.
नई पाबंदियों के तहत मॉल में दुकानदारों को कुछ राहत दी गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने एक समय पर एक दुकान में अधिकतम 10 व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति दी है. पहले एक समय पर पूरे मॉल में 100 से अधिक व्यक्तियों के जाने की मनाही थी.
बयान के अनुसार, नए निर्देश के अनुसार अब एक समय पर एक मॉल, जहां 20 दुकानें हैं, में 200 लोगों को जाने दिया जाएगा.
बता दें कि पंजाब में मंगलवार को कोरोना वायरस के 2924 नए मामले सामने आए थे और 62 लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी. मुख्यमंत्री ने कोविड-19 स्थिति पर समीक्षा बैठक में उच्च संक्रमण दर एवं मृत्यु दर पर चिंता प्रकट की.
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उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण के लिए के इन कड़े उपायों के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने पुलिस एवं जिला प्रशासन को राजनीतिक आयोजनों को लेकर नेताओं, आयोजकों एवं भागीदारों के अलावा ऐसे कार्यक्रमों के वास्ते बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने वाले टेंट मालिकों, आयोजन स्थल के मालिकों पर भी मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल तक किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आयोजन एवं अन्य संबंधी आयोजन पर रोक रहेगी.