चंडीगढ़/नई दिल्ली: किसानों को राहत देते हुए पंजाब सरकार ने मुआवजा राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है. रविवार को मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और पटियाला के गांवों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर फसल का नुकसान 75 प्रतिशत से अधिक होता है तो सरकार 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी. उन्होंने कहा कि यदि नुकसान 33 से 75 प्रतिशत तक होता है तो 6,750 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मिलेगा. प्राकृतिक आपदा से किसानों को बचाने की बात कहते हुए CM ने कहा कि पंजाब सरकार फ़सल बीमा योजना लाएगी.
भगवंत मान ने कहा कि मजदूरों को 10 प्रतिशत मुआवज़ा दिया जाएगा, जिससे उनको कोई वित्तीय मुश्किल पेश न आए. पूरे मकान के नुकसान के मुआवजे के तौर पर 95100 रुपए दिए जाएंगे, जबकि घरों के मामूली नुकसान के लिए 5200 रुपए दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना केवल कागजों तक ही सीमित रह गई थी. राज्य सरकार की योजना से असली राहत मिलेगी. अफसोस जताते हुए कहा कि आज-कल 20 मिनट की ओलावृष्टि किसानों के चेहरों पर मुसीबत ला देती है, परन्तु यह योजना उनकी हितों की रक्षा करेगी.
किसानों का नहीं छोड़ेंगे साथः मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ हैं. उनके कल्याण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी. पंजाब सरकार किसानों और खेत मज़दूरों के कल्याण के लिए हमेशा वचनबद्ध है और रहेगी. आम आदमी सरकार हमेशा ही किसानों और उनके हकों की हिमायती रही है. सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. भगवंत मान ने कहा कि वह उन बहुसंख्यक किसानों की पीड़ा और दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं.
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उन्होंने कहा कि लगातार बरसात खड़ी गेहूं और रबी की अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक है. बदकिस्मती से तेज हवाएं और ओलावृष्टि के साथ आई बारिश ने फसलों को काफ़ी नुकसान पहुंचाया है और बड़ी संख्या में रोज़ी-रोटी को चोट पहुंचाई है. मान ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि कई एकड़ से अधिक कृषि योग्य क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है, क्योंकि इस पड़ाव पर रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार थीं.
कपास पट्टी में जाएगा नहर का पानीः मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही वित्त कमिश्नर (राजस्व) को हिदायत की है कि वह सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों को बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत विशेष गिरदावरी करने के लिए विस्तृत हिदायतें जारी करें, जिससे फसलों, बाग़ों और घरों को हुए नुकसान का पहल के आधार पर पता लगाया जा सके. आगे कहा कि पहली अप्रैल से किसानों को कपास की फ़सल के लिए नहरी पानी उपलब्ध कराया जाएगा. कपास पट्टी में नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्ध में कई फैसले ले रही है. किसानों को गेहूं/धान के चक्र से बाहर निकालने और राज्य के भूजल को बचाने के लिए वैकल्पिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश की जा रही है. कृषि सहायक पेशों को प्रोत्साहित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके.