नई दिल्ली : पंजाब की कांग्रेस इकाई में घमासान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू की आज पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिद्धू के साथ बैठक पर असमंजस बरकरार रहा. सिद्धू के कार्यालय ने एक दिन पहले दावा किया था कि वह राहुल गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिद्धू के साथ किसी भी बैठक से इनकार किया है.
इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस इकाई के भीतर चल रही कलह के बीच सिद्धू को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया जाएगा. सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यालय ने जानकारी दी कि वह राष्ट्रीय राजधानी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों से मुलाकात करेंगे. सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अपनी शिकायतें व्यक्त करने और विभिन्न मुद्दों पर अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए पार्टी आलाकमान से मिलना चाहते थे.
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हालांकि 12 तुगलक लेन स्थित अपने आवास से निकलते समय राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, 'आप सब यहां क्यों इंतजार कर रहे हैं? सिद्धू से कोई मुलाकात नहीं हो रही है.' यह काफी आश्चर्य की बात है कि दिल्ली में होने के बावजूद सिद्धू, पार्टी के किसी भी शीर्ष नेता से नहीं मिले. सिद्धू को राहुल गांधी के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है.
कैप्टन की भी नहीं हुई थी आलाकमान से मुलाकात
पिछले हफ्ते कैप्टन अमरिंदर सिंह 2 दिन दिल्ली में रुके थे लेकिन पार्टी आलाकमान से उनकी अपेक्षित मुलाकात नहीं हो पाई. उन्होंने पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात की थी.
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हालांकि तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंप दी है, लेकिन राज्य में संगठनात्मक परिवर्तन या मंत्री पद भरने के संबंध में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. समिति यह सुझाव देती रही है कि सिद्धू को कैबिनेट और कांग्रेस की राज्य इकाई में जगह देनी चाहिए, लेकिन कैप्टन इस विचार पर लगातार नाराजगी दिखा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सिद्धू लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व और उनकी सरकार की नीति की आलोचना करते रहे हैं.