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कांग्रेस की समिति ने सोनिया को रिपोर्ट सौंपी, जल्द तय होगा पंजाब में सुलह का फार्मूला - गठित तीन सदस्यीय समिति

कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित की गई तीन सदस्यीय समिति ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पंजाब में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है.

सोनिया
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Published : Jun 10, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 5:46 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

समिति की पूरी कवायद से अवगत एक सूत्र ने बताया, 'समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है. अब कांग्रेस आलकमान जल्द ही कोई फार्मूला तय करेगा ताकि पंजाब में कलह को खत्म किया जा सके और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू की जा सके.'

सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पंजाब में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है, हालांकि उसने यह जरूर कहा है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार या संगठन में उपयुक्त स्थान दिया जाए.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, समिति ने कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव के समय सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों को जगह देने की पैरवी भी की है.

समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी.

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.

गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

पढ़ें- पायलट के समर्थन में उतरे भंवर जितेंद्र सिंह, कहा- आलाकमान को वादा निभाना पड़ेगा

पिछले कुछ महीने से यह चर्चा चली आ रही है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं. हालांकि पूर्व क्रिकेटर की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि वह पद के लिए नहीं, बल्कि पंजाब एवं पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं.

सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं तथा हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है.

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देने की स्थिति में, दलित (हिंदू) समुदाय के किसी नेता को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकता है ताकि अगले चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधा जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

समिति की पूरी कवायद से अवगत एक सूत्र ने बताया, 'समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है. अब कांग्रेस आलकमान जल्द ही कोई फार्मूला तय करेगा ताकि पंजाब में कलह को खत्म किया जा सके और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू की जा सके.'

सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पंजाब में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है, हालांकि उसने यह जरूर कहा है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार या संगठन में उपयुक्त स्थान दिया जाए.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, समिति ने कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव के समय सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों को जगह देने की पैरवी भी की है.

समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी.

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.

गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

पढ़ें- पायलट के समर्थन में उतरे भंवर जितेंद्र सिंह, कहा- आलाकमान को वादा निभाना पड़ेगा

पिछले कुछ महीने से यह चर्चा चली आ रही है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं. हालांकि पूर्व क्रिकेटर की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि वह पद के लिए नहीं, बल्कि पंजाब एवं पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं.

सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं तथा हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है.

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देने की स्थिति में, दलित (हिंदू) समुदाय के किसी नेता को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकता है ताकि अगले चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधा जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 10, 2021, 5:46 PM IST
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