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पंजाब कांग्रेस में 'सीजफायर' कराने के बाद हरीश रावत ने उत्तराखंड को लेकर कही ये बड़ी बात

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Published : Aug 26, 2021, 8:07 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होने की बात पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि पंजाब में सबकुछ ठीक हो जाने के बाद वो उत्तराखंड पर फोकस करना चाहते थे. लेकिन इस बीच बदले घटनाक्रम की वजह से उनको सेवा विस्तार मिल गया है. जानिए हरीश रावत ने ईटीवी भारत से और क्या-क्या कहा...

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देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत क्या अब पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं? ये सवाल काफी दिनों से उठ रहा था. ईटीवी भारत ने सीधे हरीश रावत से ही इसको लेकर उनका पक्ष जाना और पंजाब में सियासी उठापटक को लेकर सवाल किया. जवाब देते हुए हरीश रावत ने कहा कि वो दिल्ली जाकर आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे.

क्यों कही दायित्व मुक्त होने की बात?

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने पंजाब की जिम्मेदारी को छोड़ने की बात नहीं कही. दरअसल, वो पार्टी आलाकमान से ये कहने जा रहे थे कि अब पंजाब में सब कुछ ठीक हो गया है. लिहाजा, अब वो उत्तराखंड पर फोकस करना चाहते हैं, इसलिए उनको पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त कर किसी युवा को पंजाब की कमान सौंप दी जाए. क्योंकि, उनका सेवा विस्तार हो गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब प्रभारी के दायित्व को छोड़ने पर उन्होंने आलाकमान को अभी कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है.

पंजाब प्रभारी हरीश रावत से खास बातचीत.

गौर हो कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के बाद ये सोचा जा रहा था कि वहां उठा सियासी बवाल थम गया है, लेकिन इसी बीच पंजाब में फिर से हलचल शुरू होने से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अभी हरीश रावत को पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त नहीं किया जा सकता है.

पंजाब मामले में निभाई अहम भूमिका

गौर हो कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और कुछ अन्य नेताओं द्वारा खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठाए जाने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया. मंगलवार (24 अगस्त) को उठे इस सियासी तूफान के बाद अब पंजाब के कुछ विधायकों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का रुख किया था. क्योंकि राज्य प्रभारी हरीश रावत उस समय देहरादून में थे. बागी विधायकों से बातचीत के बाद उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि न पार्टी को कोई खतरा है और न ही चुनाव में जीत की संभावनाओं को.

उत्तराखंड पर करना चाहते हैं ध्यान केंद्रित

दरअसल, उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और हरीश रावत फिलहाल राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. यह माना जा रहा है कि पार्टी उत्तराखंड में हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर सकती है. चूंकि हरीश रावत पहले भी राज्य की कमान संभाल चुके हैं और उनके पास वरिष्ठता के क्रम में भी काफी अनुभव है, ऐसे में पार्टी उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से भी मुक्त कर सकती है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विवादित बयानों के लिए सिद्धू के सलाहकारों पर कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही आलाकमान को वो इसकी रिपोर्ट देंगे. इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब सरकार को अपने विधायकों से कोई खतरा नहीं है और न कांग्रेस को कोई नुकसान ही होने वाला है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे, नेतृत्व परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है.

ये भी पढ़ेंः पंजाब में फिर कैप्टन Vs सिद्धू की जंग: हरीश रावत नहीं निकाल पाए हल, अब सोनिया-राहुल करेंगे फैसला

देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत क्या अब पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं? ये सवाल काफी दिनों से उठ रहा था. ईटीवी भारत ने सीधे हरीश रावत से ही इसको लेकर उनका पक्ष जाना और पंजाब में सियासी उठापटक को लेकर सवाल किया. जवाब देते हुए हरीश रावत ने कहा कि वो दिल्ली जाकर आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे.

क्यों कही दायित्व मुक्त होने की बात?

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने पंजाब की जिम्मेदारी को छोड़ने की बात नहीं कही. दरअसल, वो पार्टी आलाकमान से ये कहने जा रहे थे कि अब पंजाब में सब कुछ ठीक हो गया है. लिहाजा, अब वो उत्तराखंड पर फोकस करना चाहते हैं, इसलिए उनको पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त कर किसी युवा को पंजाब की कमान सौंप दी जाए. क्योंकि, उनका सेवा विस्तार हो गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब प्रभारी के दायित्व को छोड़ने पर उन्होंने आलाकमान को अभी कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है.

पंजाब प्रभारी हरीश रावत से खास बातचीत.

गौर हो कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के बाद ये सोचा जा रहा था कि वहां उठा सियासी बवाल थम गया है, लेकिन इसी बीच पंजाब में फिर से हलचल शुरू होने से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अभी हरीश रावत को पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त नहीं किया जा सकता है.

पंजाब मामले में निभाई अहम भूमिका

गौर हो कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और कुछ अन्य नेताओं द्वारा खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठाए जाने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया. मंगलवार (24 अगस्त) को उठे इस सियासी तूफान के बाद अब पंजाब के कुछ विधायकों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का रुख किया था. क्योंकि राज्य प्रभारी हरीश रावत उस समय देहरादून में थे. बागी विधायकों से बातचीत के बाद उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि न पार्टी को कोई खतरा है और न ही चुनाव में जीत की संभावनाओं को.

उत्तराखंड पर करना चाहते हैं ध्यान केंद्रित

दरअसल, उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और हरीश रावत फिलहाल राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. यह माना जा रहा है कि पार्टी उत्तराखंड में हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर सकती है. चूंकि हरीश रावत पहले भी राज्य की कमान संभाल चुके हैं और उनके पास वरिष्ठता के क्रम में भी काफी अनुभव है, ऐसे में पार्टी उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से भी मुक्त कर सकती है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विवादित बयानों के लिए सिद्धू के सलाहकारों पर कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही आलाकमान को वो इसकी रिपोर्ट देंगे. इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब सरकार को अपने विधायकों से कोई खतरा नहीं है और न कांग्रेस को कोई नुकसान ही होने वाला है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे, नेतृत्व परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है.

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