चंडीगढ़: पंजाब में सुरक्षा और पुख्ता करने के लिए लगभग 2,000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया जाएगा, क्योंकि नियमित तौर पर ऐसी जानकारी मिल रही है कि कुछ तत्व राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को यह जानकारी दी. मान ने यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद यह बात कही, जिन्होंने उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि नियमित सूचनाएं मिल रही हैं कि कुछ बदमाश पंजाब में परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए मैंने गृह मंत्री से राज्य की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बलों को मंजूरी देने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां पहले ही पंजाब पहुंच चुकी हैं, जबकि अन्य 10 कंपनियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही मंजूरी देगा. अर्धसैनिक बलों की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं.
उल्लेखनीय है कि पंजाब बीजेपी ने केंद्र को पत्र लिखा था पंजाब बीजेपी इकाई ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुलाकात से पहले केंद्र को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों की मांग की गई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की और इस बारे में बात की. केंद्र की ओर से उन्हें 10 और कंपनियां दी गईं हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार बाबा का कहना है कि उनकी पार्टी पहले से ही कह रही थी कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार आपसी लड़ाई के लिए पंजाब पुलिस का इस्तेमाल कर रही है. जबकि केंद्र से राज्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की मांग की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में किसी भी कीमत पर शांति कायम रहनी चाहिए.
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सुरक्षा के लिए जरूरी है यह कदम : पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य को केंद्रीय बलों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि करनाल, पटियाला और मोहाली के हालिया मामलों के बाद ऐसा कदम उठाना जरूरी था. केंद्र ने राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जो अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता था कि आईएसआई करीब 1500 खालिस्तानी आतंकवादियों को प्रशिक्षण दे रही है. ऐसे में राज्य की सुरक्षा का मुद्दा न सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र के लिए भी गंभीर मुद्दा बन जाता है.
मान ने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, यह दलगत राजनीति से ऊपर है और केंद्र सरकार पंजाब सरकार को हर संभव मदद मुहैया कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ड्रोन के जरिए सीमा पार से हथियारों की आपूर्ति के बारे में गृह मंत्री को अवगत करा दिया है. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है. मान ने कहा कि देश की सुरक्षा व अखंडता की रक्षा के लिए सीमा पर सुरक्षा कड़ी करनी होगी. उन्होंने ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से बढ़ती मादक द्रव्यों और हथियारों की तस्करी पर गहरी चिंता व्यक्त की और शाह को इस तरह के प्रयासों को विफल करने के लिए राज्य को तुरंत ड्रोन रोधी तकनीक प्रदान करने के लिए कहा. पंजाब के मुख्यमंत्री ने शाह को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बासमती की खरीद के लिए अधिसूचना जारी करने का भी अनुरोध करते हुए कहा कि किसानों को गेहूं-धान चक्र से बाहर लाने के लिए बासमती को बढ़ावा देना समय की जरूरत है.
मान ने कहा कि इससे राज्य में पानी के रूप में बहुमूल्य संसाधन को बचाने में मदद मिलेगी और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने राज्य में गेहूं की कम उपज के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की भी मांग की. सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38वीं बरसी से पहले सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है. अमृतसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गौरतलब है कि 1984 में एक से आठ जून के बीच स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए सेना द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था.