नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (UCC) पर आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर जो बयान दिया, उसकी गूंज दिल्ली में भी सुनाई दे रही है. आम आदमी पार्टी के सिख नेता दबी जुबान में भगवंत मान के बयान का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर आप के एक सिख नेता ने कहा कि भगवंत मान ने कुछ गलत नहीं कहा है. हालांकि, UCC को लेकर भगवंत मान के बयान को उनकी पार्टी के स्टैंड से अलग माना जा रहा है.
आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने पिछले दिनों समान नागरिक संहिता को लेकर स्पष्ट किया था कि हम सैद्धांतिक रूप से इसका समर्थन करते हैं. अनुच्छेद 44 यह कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए, लेकिन सभी धार्मिक नेताओं, राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ व्यापक परामर्श किया जाना चाहिए और इस पर आम सहमति बनानी चाहिए. कुछ निर्णयों को पलटा नहीं जा सकता. कुछ मामले राष्ट्र के लिए मौलिक है.
भगवंत मान ने देश को गुलदस्ता बतायाः 4 जुलाई को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि हर धर्म की अपनी संस्कृति और इतिहास होता है और आस्था के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है, जिसमें हर रंग के फूल हैं. हिंदू विवाह एक्ट में सात फेरों का प्रावधान है. सिखों का कहना है कि आनंद कारज दोपहर से पहले किया जाना चाहिए. हिंदू आधी रात के आसपास फेरे के लिए शुभ मुहूर्त निकालते हैं. आदिवासियों के अलग रीति-रिवाज है, जैनियों के अलग. आप गुलदस्ता एक ही रंग का क्यों चाहते हैं.
भगवंत मान ने कहा था कि यहां पर सभी धर्मों और मान्यताओं को सम्मान किया जाना चाहिए. आम आदमी पार्टी एक सेक्युलर पार्टी है. वह ऐसे किसी भी एजेंडे का समर्थन नहीं करती है. जबकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पहले ही UCC का सैद्धांतिक रूप से समर्थन कर चुका है.
शिरोमणि अकाली दल ने किया है विरोधः महज दो दिन पहले दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने समान नागरिक संहिता पर स्टैंड क्लियर करते हुए कहा था कि वह इस बिल का विरोध करते हैं. सिख समुदाय इस बिल के खिलाफ है. परमजीत सरना दिल्ली के सिख बहुल इलाके के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं और आम आदमी पार्टी के जो सिख नेता हैं, वे भी कहीं ना कहीं इस मुद्दे पर इससे सहमत हैं. शिरोमणि अकाली दल ने तो यहां तक कह दिया है कि जहां भी सिखों की आबादी है, वहां जाकर वे इस बिल के खिलाफ सिग्नेचर अभियान चलाएंगे.
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क्या है समान नागरिक संहिता: समान नागरिक संहिता सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होने के लिए 'एक देश एक नियम' का आह्वान करता है. फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, समुदाय से संबंधित क्यों न हो. यूसीसी का मतलब है शादी, तलाक और जमीन जायदाद के हिस्से में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होना. इसके लागू होने से कोई भी धार्मिक कानून लागू नहीं होंगे.