चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि खुद को बुद्धिमान कहने वाले पटियाला के इस वारिस ने राज्य को बर्बाद कर दिया है. चंडीगढ़ से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा पंजाब जानता है कि कैप्टन को हमेशा राज्य और यहां के लोगों के बजाय अपनी कुर्सी की चिंता रही है. उन्होंने कहा कि कैप्टन ने सत्ता में रहते हुए खुद को महलों में कैद करके राज्य के हितों की पूरी तरह से अनदेखी की है. भगवंत मान ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कैप्टन ने हमेशा पंजाब और पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपा है.
भगवा पार्टी से हाथ मिलाने का फैसला: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी पंजाबी यह कभी नहीं भूल सकता कि कैप्टन के पूर्वजों ने अपने हितों के लिए मुगलों और अंग्रेजों का साथ दिया था और उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. देशभक्तों पर अनगिनत अत्याचार किये गये. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पूर्वजों के नक्शेकदम पर चलते हुए अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए जरूरत पड़ने पर कांग्रेस और अकालियों के साथ गठबंधन किया. भगवंत मान ने कहा कि 700 से अधिक किसानों की शहादत के लिए भाजपा जिम्मेदार होने के बावजूद कैप्टन ने अब एक बार फिर पंजाब और किसान विरोधी भगवा पार्टी से हाथ मिलाने का फैसला किया है.
किसानों और पंजाबियों से विश्वासघात की सजा: मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सत्ता के भूखे' कैप्टन ने केवल सत्ता की खातिर पाला बदला था, जैसा कि उनके पूर्वजों ने 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार के दौरान अंग्रेजों का पक्ष लेकर किया था. उन्होंने कहा कि कैप्टन पहले ही किसानों और पंजाबियों के साथ विश्वासघात की सजा भुगत चुके हैं क्योंकि लोगों ने उन्हें राज्य के राजनीतिक क्षेत्र से बाहर कर दिया है. भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 2022 के चुनाव में उनके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है लेकिन अब कैप्टन राज्य में राजनीतिक संकट में पड़ने के लिए आधारहीन और भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.